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एनेस्थीसिया विभाग में एमडी की एक भी सीट को नहीं मिली मंजूरी

जागरण संवाददाता टाडा डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टाडा में इस बार पीजी (एमड

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Aug 2020 08:01 PM (IST)Updated: Wed, 19 Aug 2020 06:24 AM (IST)
एनेस्थीसिया विभाग में एमडी की एक भी सीट को नहीं मिली मंजूरी
एनेस्थीसिया विभाग में एमडी की एक भी सीट को नहीं मिली मंजूरी

जागरण संवाददाता, टाडा : डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टाडा में इस बार पीजी (एमडी/एमएस) की 13 सीटें कम हो गई हैं। टाडा को इस बार 69 पीजी प्रशिक्षु ही मिलेंगे। कई विभागों में पीजी प्रशिक्षुओं ने ज्वाइन कर लिया है, जबकि कुछ में प्रक्रिया चल रही है।

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एनेस्थीसिया विभाग को इस बार एक भी पीजी प्रशिक्षु (एमडी) नहीं मिला है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) ने पिछले साल विभिन्न विभागों में पीजी सीटों की मंजूरी के लिए निरीक्षण किया था। इस दौरान एनेस्थीसिया विभाग में स्टाफ समेत अन्य खामिया पाई गई थीं। खामियों को दूर करने व पीजी सीटों को मंजूरी के संबंध में पक्ष रखने के लिए टाडा मेडिकल कॉलेज प्रशासन को पर्याप्त समय दिया गया था। अस्पताल प्रशासन न केवल खामिया दूर करने में नाकाम रहा, बल्कि एमसीआइ के समक्ष अपना पक्ष भी बेहतर ढंग से नहीं रख पाया। यही वजह रही कि इस साल एनेस्थीसिया विभाग को एमडी की 13 में से एक भी सीट के लिए मंजूरी नहीं मिली। टाडा मेडिकल कॉलेज के सभी विभागों में पिछले साल पीजी प्रशिक्षुओं की संख्या 82 थी, जबकि इस साल कम होकर 69 रह गई है।

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तबादलों का भुगता खामियाजा

नए मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी समेत स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए टाडा मेडिकल कॉलेज से धड़ाधड़ तबादले किए गए। एनेस्थीसिया विभाग से भी पिछले साल कुछ विशेषज्ञ हमीरपुर व चंबा मेडिकल कॉलेज भेजे गए थे। एमसीआइ के निरीक्षण के दौरान स्टाफ की कमी का खामियाजा टाडा मेडिकल कॉलेज को एमडी की सीटें गंवाकर भुगतना पड़ा।

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एक प्रोफेसर तो तीन पीजी सीटें

मेडिकल कॉलेज में पीजी की सीटों के लिए आधारभूत ढाचा, उपकरण व अस्पताल में दाखिल मरीज व टेस्ट के अलावा एमसीआइ की सबसे जरूरी शर्त है संबंधित विभाग में फैकल्टी। किसी भी विभाग में अगर एक प्रोफेसर है तो तीन पीजी सीटें मिल सकती हैं। एक एसोसिएट प्रोफेसर होने पर एक पीजी की सीट मिलती है।

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एमसीआइ ने एनेस्थीसिया विभाग में स्टाफ की कमी समेत अन्य खामिया गिनाई थीं। अस्पताल प्रशासन ने इन्हें दूर करने के संबंध में पक्ष मजबूती के साथ रखा था। विभाग में स्टाफ की कमी को दूर कर दिया गया है। इसके बावजूद पीजी की 13 सीटों को मंजूरी नहीं मिल पाई। सरकार को इस संबंध में अवगत करवा दिया है।

-डॉ. भानू अवस्थी, प्रधानाचार्य टाडा मेडिकल कॉलेज।


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