मनरेगा समग्र के तहत व्यक्तिगत कार्यो को मिली छूट
जिला कांगड़ा में कोरोना वायरस के चलते लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने की दिशा में जिला प्रशासन ने रोड मैप तैयार कर लिया है।
संवाद सूत्र, जसवां परागपुर : जिला कांगड़ा में कोरोना वायरस के चलते लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने की दिशा में जिला प्रशासन ने रोड मैप तैयार कर लिया है। मनरेगा में व्यक्तिगत कार्यो को बड़ी छूट प्रदान कर दी गई है। इसे मनरेगा समग्र का नाम दिया गया है। इसका कारण यह है कि बाहर से आए लोग बेरोजगार हो चुके हैं जिसे देखते हुए वर्ष 2020 -21 में ग्रामीण क्षेत्रों के अंदर खेती, बागवानी, पशुपालन व मछली पालन सहित अन्य गतिविधियों को मजबूत करने के लिए 17 प्रकार के कार्यो को स्वीकृति देने के लिए बीडीओ को विशेष शक्तियां दी गई हैं। कोरोना वायरस के कारण ग्राम सभाओं के अंदर होने वाले निर्णयों पर अब विराम लग गया है। इसकी वैकल्पिक व्यवस्था प्रशासन ने तैयार कर ली है। जून के शुरुआत में प्रत्येक पंचायत में 30 नए व्यक्तिगत कार्य शुरू करने होंगे जिसका उत्तरदायित्व संबंधित खंड विकास अधिकारी का होगा।
व्यक्तिगत कार्य का इच्छुक व्यक्ति अपना आवेदन पत्र खंड कार्यालय में समाज शिक्षा एवं खंड योजना अधिकारी के अलावा ग्राम पंचायत कार्यालय में पंचायत सचिव को भी दे सकेगा। आवेदन के साथ भूमि का पर्चा, ततीमा, फोटो तथा अनापत्ति प्रमाणपत्र देना होगा। आवेदनकर्ता का मनरेगा में जॉब कार्ड होना जरूरी है। यदि जॉबकार्ड नहीं है तो निर्धारित दस्तावेज प्रस्तुत कर जॉबकार्ड के लिए आवेदन किया जा सकेगा।
कार्य का एस्टीमेट तकनीकी सहायक तैयार करेंगें। यदि इस कार्य में तकनीकी कर्मचारी देरी करते हैं तो उनके विरुद्ध कार्रवाई होगी। यदि पंचायत किसी कार्य की स्वीकृति का प्रस्ताव पारित नहीं करती है तो प्रस्ताव में कारण स्पष्ट करने होंगे। दस्तावेज पहुंचते ही खंड विकास अधिकारी (बीडीओ ) दो दिन में निर्णय लेगा।
उधर एडीसी कांगड़ा राघव शर्मा ने जिले के समस्त खंड विकास अधिकारियों को मनरेगा समग्र से संबंधित दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं, जिसमें 17 प्रकार के कार्य चिह्नित किए गए हैं। एडीसी ने इन कार्यो के लिए राशि भी निर्धारित कर दी है।
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व्यक्तिगत चिह्नित कार्य निर्धारित राशि सहित
केंचुआ खाद पिट निर्माण : 9 हजार, बकरी शेड : 35 हजार , मुर्गी आश्रय : 40 हजार , गोशाला : 35 हजार, सुअर वाडा : 35 हजार , पौधारोपण : एक लाख , ओजोला पौधारोपण : एक लाख, किचन गार्डन : एक लाख , फूलों की नर्सरी : एक लाख , मत्स्य पालन तालाब : एक लाख, भूमि समतलीकरण : एक लाख, भूमि कटाव को रोकने के लिए सुरक्षा दीवार : एक लाख , कूहल : एक लाख, खेत बांध : एक लाख, शौचालय : 15 हजार, सोखता गड्ढा : आठ हजार, वर्षा जल संग्रहण टैंक : एक लाख।