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मौसम मेहरबान पर बीज न मिलने से अन्नदाता परेशान

बिमल बस्सी कांगड़ा शीतकालीन सब्जियों की बिजाई के लिए जिले के किसानों ने कमर कस ली है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 07:12 PM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 05:08 AM (IST)
मौसम मेहरबान पर बीज न मिलने से अन्नदाता परेशान
मौसम मेहरबान पर बीज न मिलने से अन्नदाता परेशान

बिमल बस्सी, कांगड़ा

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शीतकालीन सब्जियों की बिजाई के लिए जिले के किसानों ने कमर कस ली है। मौसम अनुकूल होने के बावजूद उन्हें कृषि विभाग की ओर से अनुदान पर मिलने वाले बीजों के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। जिले के 15 ब्लॉक में विभाग की ओरसे किसानों को उच्च गुणवत्ता के बीजों की आपूर्ति की जाती है। इस संबंध में मांग विभाग के पास करीब छह माह पहले ही पहुंच जाती है।

विभाग का दावा है कि सोमवार से सभी सरकारी बीज विक्रय केंद्रों पर 50 फीसद अनुदान पर मूली, मक्खन घास, बंदगोभी व फूलगोभी के बीजों की बिक्री शुरू हो गई है। दूसरी ओर किसानों का कहना है कि उन्हें बीज न मिलने से निराश होना पड़ रहा है। विक्रय केंद्रों मे पालक, मेथी, शलजम, प्याज, मटर, सरसों, बरसीन, जेई व गेहूं बीज नहीं पहुंचे हैं। बैजनाथ, पपरोला, नगरोटा बगवां तथा जमानाबाद का अनुकूल मौसम उच्च गुणवत्ता के बीजों की बिजाई के लिए उत्तम माना जाता है। विभाग का कहना है कि सैंपलिंग होने के कारण बीज किसानों तक नहीं पहुंचे हैं।

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यह भी है तथ्य

गेहूं समेत तमाम बीजों की सैंपलिंग की जा रही है। गेहूं की जसूर स्थित केंद्र में ग्रेडिग की जा रही है। देहरा क्षेत्र में सबसे पहले गेहूं की बिजाई की जाती है। यहां बीज आपूर्ति के लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पिछले साल जिले में गेहूं के बीज की मांग 22,000 क्विंटल थी।

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सरकारी केंद्रों में बीज के दाम

बीज अधिकतम मूल्य, सबसिडी दाम

मक्खन घास 310, 200 प्रतिकिलो

मूली,1100, 550

फूलगोभी,19,500,9750

बंदगोभी,11,000,5500

लहसुन 220, सबसिडी नहीं

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सिर्फ कुछ ही बीज उपलब्ध हैं व अन्य की मांग भेज दी है। इस माह सभी बीज उपलब्ध होंगे। विभाग का प्रयास है कि इस बार गेहूं बीज सरकारी विक्रय केंद्रों के अलावा गांव की सोसायटियों में भी उपलब्ध करवाए जाएंगे।

-करतार सिंह, विषयवाद विशेषज्ञ, कृषि विभाग कांगड़ा

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किसानों को उच्च गुणवत्ता के बीज 50 फीसद सबसिडी पर दिलाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बाहर से आने वाले बीजों की सैंपलिग की जा रही है। इसके अलावा स्प्रे पंप, टोका मशीन व अन्य छोटे औजार रियायती दरों पर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।

-डॉ. कुलदीप धीमान, जिला कृषि अधिकारी, पालमपुर

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मूली तथा मक्खन घास के बीज तो अनुदान पर मिल गए हैं लेकिन अन्य के लिए बाजार का रुख करना पड़ेगा। सरकार इस दिशा में कदम उठाए।

अक्षय कुमार

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सरकारी बीज केंद्रों पर मुख्य सब्जी के बीज अभी नहीं मिलने से निराश होना पड़ा है। सब्जी उत्पादन के लिए मौसम काफी अच्छा है।

-रणवीर सिंह

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केंद्र में मूली के बीज अनुदान पर आसानी से मिल गए पर अन्य के लिए इंतजार करना पड़ेगा। सरकार जल्द से बीज मुहैया कराकर किसानों को राहत दे।

मीना देवी, घुरकड़ी

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10,000 हेक्टेयर क्षेत्र में होती है सब्जी की पैदावार

कांगड़ा जिले में सब्जी की पैदावार करीब 10,000 हेक्टर भूमि पर होती है। गेहूं एक लाख दस हजार हेक्टेयर भूमि पर होती है। अब किसानों का रुझान सब्जी उत्पादन की ओर से बढ़ा है।


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