सही खान-पान, नियमित सैर व योग बचाएगा हृदय रोग से
केयर 4 यू हेल्थकेयर पालमपुर के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आदर्श भार्गव ने वीरवार को दैनिक जागरण उप कार्यालय पालमपुर में हेलो जागरण कार्यक्रम में युवा पीढ़ी के हृदय रोग से ग्रस्त होने पर चिंता जताई।
पालमपुर, जेएनएन। खान-पान व रहन-सहन का सही तरीका न होने से हम बीमारियों की जकड़ में आ रहे हैं। हर आयुवर्ग के लोग अब हृदय रोग की चपेट में आ रहे हैं। इससे बचने के लिए जरूरी है रोजाना 45 मिनट सैर और जंक फूड से दूरी। केयर 4 यू हेल्थकेयर पालमपुर के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आदर्श भार्गव ने वीरवार को दैनिक जागरण उप कार्यालय पालमपुर में 'हेलो जागरण' कार्यक्रम में युवा पीढ़ी के हृदय रोग से ग्रस्त होने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पहले 40 से 45 वर्ष की आयु के बाद ही हृदय रोग होता था। बकौल डॉ. आदर्श भार्गव यदि किसी को हृदय रोग के लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत डॉक्टर के पास जाकर जांच करवानी चाहिए। सीने में दर्द की शिकायत पर डिस्प्रिन की गोली लें इससे मरीज को कुछ समय के लिए राहत मिलती है।
हृदय रोगों के लक्षण
अचानक सीने में दर्द दिल का दौरा पड़ने का संकेत हो सकता है, लेकिन अन्य चेतावनी के संकेत भी काफी मामलों में प्रत्यक्ष होते हैं।
-एक या फिर दोनों हाथों, कमर, गर्दन, जबड़े या फिर पेट में दर्द और बेचैनी।
-सांस की तकलीफ, ठंडा पसीना आना, मतली या चक्कर आना।
-सांस टूटने की अत्यधिक तीव्र तकलीफ दिल के दौरे की चेतावनी है। यह अन्य हृदय की समस्याओं का संकेत भी हो सकता है।
हृदय रोगों से बचाव
-हृदय रोगों से बचाव के लिए जीवन शैली में बदलाव व सुधार करना चाहिए। जरूरी है कि शारीरिक सक्रियता को बनाएं रखा जाए जितना हो सके तनाव से बचें। अपनी सोच को सकारात्मक रखें और आशावादी बनें। तनाव से बचने के लिए मनपसंद संगीत सुन सकते हैं।
-नियमित रूप से व्यायाम करके आसानी से जानलेवा हृदय रोग से बचा जा सकता है। सुबह सैर पर जा सकते हैं या घर, पार्क या बगीचे में कसरत या योगा कर सकते हैं।
-तली व भुनी चीजें अधिक न खाएं। फास्ट फूड और चिकनाई वाला खाना खाने से बचें। संतुलित व पौष्टिक आहार ही लें। फल व सब्जियों का अधिक सेवन करें।
इन सवालों के दिए जवाब
हेलो जागरण कार्यक्रम में डॉ. आदर्श भार्गव ने टेलीफोन पर लोगों के सवालों के जवाब भी दिए। कांगड़ा के रमेश चंद ने बताया कि उनकी दो नसें 70 प्रतिशत ब्लॉक हैं। डॉ. भार्गव ने उन्हें स्टंट डालने की सलाह दी। कांगड़ा के ही अनिल कुमार को सांस चढ़ने की तकलीफ पर ईको टेस्ट व फेफड़ों की जांच करने का सुझाव दिया। बैजनाथ के 34 वर्षीय आशीष कुमार ने शरीर में दर्द की बात कही, उन्हें थायराइड टेस्ट करने को कहा। गगल के शेखर सिंह की लो-ब्लड प्रेशर की शिकायत पर उन्हें पूरे पेट का अल्ट्रासाउंड व दवा लेने को कहा।
कांगड़ा के सोनम ने अपनी माता जी को चढ़ाई में सांस फूलने व टीएमटी टेस्ट नार्मल आने पर डॉक्टर ने उन्हें ईको टेस्ट करवाने की सलाह दी। जयसिंहपुर के काथला निवासी परिवेश को लेकर चिकित्सक ने टीएमटी व ईको करवाने के लिए कहा। जवाली के ओंकार सिंह ने कभी-कभी दम घुटने की बात कही, उन्हें दवा लेने व अच्छे चिकित्सक से दिखाने को कहा।
कांगड़ा के मेहर सिंह को तीन जगहों ब्लॉकेज व बायीं ओर दर्द होने पर बाईपास सर्जरी ही बेहतर विकल्प बताया। लंबागांव के नसीब सिंह की ओर से छाती में दर्द और जकड़न की शिकायत पर डॉ. आदर्श भार्गव ने उन्हें ईसीजी करवाने और दर्द होने पर डिस्प्रिन की गोली चबाकर खाने का सुझाव दिया। चड़ी के निर्मल ने अपने पिता की ब्लॉकेज को दवाओं से ठीक होने के बारे में पूछा। उन्हें एंजियोग्राफी के बाद जरूरत के अनुसार स्टेंट डलवाने की सलाह दी। इसके अलावा ज्वालाजी के रजत, पंचरुखी के अतुल, लंबागांव के अमित, पपरोला के कंचन आदि ने भी टेलीफोन के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी सलाह ली।