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गुप्त नवरात्र आज से, ज्वालामुखी मंदिर में होगी विशेष पूजा

बेशक कोरोना वायरस के कारण शक्तिपीठों के कपाट बंद हों लेकिन सोमवार 22 जून से शुरू हो रहे गुप्त नवरात्रों में पुजारी नौ दिन तक चलने वाले पर्व में मां की विशेष पूजा करेंगे। इसके लिए तमाम तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Jun 2020 06:04 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jun 2020 06:19 AM (IST)
गुप्त नवरात्र आज से, ज्वालामुखी मंदिर में होगी विशेष पूजा
गुप्त नवरात्र आज से, ज्वालामुखी मंदिर में होगी विशेष पूजा

संवाद सूत्र, ज्वालामुखी : बेशक कोरोना वायरस के कारण शक्तिपीठों के कपाट बंद हैं, लेकिन 22 जून से शुरू होने वाले गुप्त नवरात्र में पुजारी नौ दिन तक मां ज्वालामुखी मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना करेंगे। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। विशेष पूजा में कितने पुजारी भाग लेंगे, यह अभी तक तय नहीं हो पाया है। साथ ही श्रद्धालुओं के मंदिर आने पर प्रतिबंध रहेगा।

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क्या है महत्व

शक्तिपीठों में सालभर नवरात्र का आयोजन किया जाता है। चैत्र माह के नवरात्र मार्च-अप्रैल में होते हैं। श्रावण अष्टमी का आयोजन जुलाई-अगस्त में जबकि अश्विन नवरात्र सितंबर-अक्टूबर में होते हैं। इसके अलावा फरवरी व जून में विशेष गुप्त नवरात्र का आयोजन किया जाता है। गुप्त नवरात्र सिद्धि प्राप्त करने, पूजा-पाठ, जप व तप के लिए सर्वोत्तम माने जाते हैं। इन्हीं नवरात्र में साधक व तांत्रिक यज्ञ अनुष्ठान कर मां को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। बताते हैं कि गुप्त नवरात्र में किए जाने वाले जप का लाखों गुना लाभ मिलता है।

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क्यों विशेष हैं गुप्त नवरात्र

पुजारियों के अनुसार, साल में दो बार होने वाले गुप्त नवरात्र खास महत्व रखते हैं। फरवरी में होने वाले गुप्त नवरात्र की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मां की मूर्ति रूप का जन्मोत्सव मनाया जाता है। साथ ही जून में शुरू होने वाले गुप्त नवरात्र में शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मां ज्वालामुखी का प्रकटोत्सव मनाया जाता है। मां के जन्मोत्सव से पहले किए जाने वाले अनुष्ठान में विश्व कल्याण के संकल्प के साथ गणपति, गायत्री व मां ज्वालामुखी के मूल मंत्र के साथ सप्त चंडी पाठ, चौंसठ योगनी पूजन व नित्य षोडशोपचार पूजन किया जाता है।

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पीढ़ी दर पीढ़ी मां ज्वालामुखी की पूजा अर्चना का सौभाग्य मिला है। मुगल काल से लेकर ब्रिटिश शासन और यहां तक कि युद्ध व आपातकाल के दौरान भी मंदिरों के कपाट बंद नहीं हुए हैं। कोरोना के कारण व्यवस्था चरमरा गई है।

प्रशांत शर्मा, ज्वालामुखी

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गुप्त नवरात्र के दौरान मां का अनुष्ठान सरकार की ओर से तय नियमों के अनुरूप किया जाएगा। अष्टमी पर मां की जयंती पर भी सूक्ष्म आयोजन होगा। इस दिन मां की विशेष पूजा-अर्चना के बाद हर दिन की तरह भोग लगाया जाएगा। कोरोना के कारण मंदिर में भंडारे का आयोजन नहीं होगा।

-जगदीश शर्मा, मंदिर अधिकारी ज्वालामुखी

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मंदिर अधिकारी ने लिया व्यवस्था का जायजा

संवाद सूत्र, सपड़ी : श्री ज्वालामुखी मंदिर में देर रात मंदिर अधिकारी एवं तहसीलदार जगदीश शर्मा ने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने सुरक्षा कर्मियों को ड्यूटी के दौरान सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। साथ ही सरकार की ओर से तय नियमों का पालन करने की नसीहत दी।

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मंदिर में ग्रहण के दौरान हुई विशेष पूजा

ज्वालामुखी : ग्रहण के समय जप, पाठ व हवन करने से हजारों गुना लाभ मिलता है। पुजारी अविनेंद्र शर्मा ने बताया कि मंदिर में सूर्य ग्रहण के दौरान विशेष पूजा की गई।


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