चार ओपीडी बंद, बिना इलाज लौटे मरीज
सरकार ने हर मंच पर प्रदेश में बेतहर स्वास्थ्य सुविधाएं देने की दावे करती है, लेकिन क्षेत्रीय चिकित्सालय धर्मशाला की दशा सरकार की दावों को हवा कर रही है। जोनल अस्पताल की स्थिति यह है कि यहां अगर एक विशेषज्ञ छुट्टी पर चला जाए तो ओपीडी पर ताला लटक जाता है। शनिवार को अस्पताल की एक साथ चार ओपीडी बंद रही।
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : सरकार हर मंच से प्रदेश में बेतहर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के दावे करती है, लेकिन क्षेत्रीय चिकित्सालय धर्मशाला की हालत इन्हें खोखला कर रही है। जोनल अस्पताल की स्थिति यह है कि यहां से अगर एक विशेषज्ञ चिकित्सक छुट्टी पर चला जाए तो ओपीडी पर ताला लटक जाता है। शनिवार को अस्पताल की एक साथ चार ओपीडी बंद रही और इस कारण मरीजों को या तो जनरल ओपीडी में चेकअप करवाना पड़ा या फिर बिना इलाज ही लौटना पड़ा। शनिवार को अस्पताल में गायनी, चरम रोग, नेत्र रोग व ईएनटी ओपीडी बंद रही। बड़ी बात तो यह है कि दिनभर में करीब 20 गर्भवती महिलाएं चेकअप करवाने अस्पताल पहुंची, लेकिन गायनी रोग विशेषज्ञ न होने से उन्हें बैरंग ही लौटना पड़ा। अस्पताल में आए मरीजों सुमन देवी, सुनीता कुमारी, सुरेश, रीना देवी, पंकज, कर्म चंद व सुरेश चौधरी ने कहा कि विशेषज्ञ न होने से उन्हें सामान्य ओपीडी में जांच करवानी पड़ी। उधर, अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिनेश महाजन ने बताया कि चिकित्सकों के छुट्टी पर जाने के बावजूद अस्पताल प्रशासन की ओर से मरीजों को सुविधाएं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि हरेक ओपीडी में दो विशेषज्ञ तैनात करने के लिए स्वास्थ्य निदेशालय के साथ पत्राचार किया है ताकि एक चिकित्सक के छुट्टी पर जाने के बाद ओपीडी बंद न पड़े।