पेट्रो पदार्थो की बढ़ी कीमतों पर कांग्रेस का हल्ला
पूर्व सीपीएस नीरज भारती की गिरफ्तारी व पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को ले
संवाद सूत्र, जवाली : पूर्व सीपीएस नीरज भारती की गिरफ्तारी व पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को लेकर ब्लॉक व युवा कांग्रेस जवाली ने मंगलवार को ढन्न से लेकर मिनी सचिवालय जवाली तक रैली निकाली।
प्रदेश कांग्रेस लीगल सेल के महासचिव अंतरिक्ष चौधरी ने कहा कि नीरज भारती ने भाजपा के खिलाफ कोई गलत पोस्ट नहीं डाली है। उन्होंने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर भी सरकार पर कई सवाल उठाए। कहा कि बढ़ती कीमतों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। उन्होंने एसडीएम जवाली सलीम आजम के माध्यम से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन भेजकर मांग की कि तेल की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगवाया जाए।
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बयानबाजी से पहले नीरज भारती की पोस्ट पढ़ें पूर्व सैनिक
पूर्व सीपीएस नीरज भारती के खिलाफ बयानबाजी करने से पहले भूतपूर्व सैनिक नीरज भारती द्वारा डाली गई पोस्ट को जरूर पढ़ लें और राजनेताओं के इशारों पर चलकर बयानबाजी न करें। यह बात ब्लॉक कांग्रेस जवाली के अध्यक्ष चैन सिंह व महासचिव सुरिदर छिदा ने कही। उन्होंने कहा कि भूतपूर्व सैनिक बेवजह राजनेताओं के इशारे पर चलते हुए नीरज भारती के खिलाफ बोल रहे हैं। भूतपूर्व सैनिक राजनीति करने से गुरेज करें, ताकि उनकी छवि बरकरार रहे।
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महंगाई रोकने में भाजपा सरकार नाकाम : गोमा
जागरण टीम, पालमपुर/पंचरुखी : कोरोना संकट के बीच जनता को महंगाई की मार भी बढ़ गई है। हिमाचल कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेशाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक यादविद्र गोमा ने कहा कि विपक्ष में रहते हुए महंगाई के नाम पर हंगामा करने वाली भाजपा महंगाई को नियंत्रित करने में नाकाम साबित हुई है। सरकार ने साफ किया है कि डीजल-पेट्रोल के दामों पर राहत देना सरकार के वश में नहीं है। विपक्ष में रहते हुए जो बीजेपी डीजल-पेट्रोल के दामों पर आए दिन हंगामा करती थी, वही बीजेपी महामारी के बीच फंसे देश में अब आम आदमी के बारे में नहीं सोच रही। कोरोना काल में लाखों लोग बेरोजगार होकर घर बैठे चुके हैं। ऐसे में लगातार महंगाई का बोझ जनता पर लादा जा रहा है। प्रदेश सरकार ने भी डीजल-पेट्रोल पर वैट बढ़ाकर रही-सही कसर पूरी कर दी है। खाने-पीने की चीजें 20 से 25 फीसदी तक महंगी हो चुकी हैं और सब्जी, फलों के मंडी में उतने दाम नहीं मिल पा रहे हैं, जितना कि किराया उन्हें दुकानों तक पहुंचाने तक का लग रहा है।