राष्ट्र निर्माण के यज्ञ में मतदान कर डालें आहुति
हर पांच साल के बाद राष्ट्र निर्माण रूपी यज्ञ Þचुनावहोता है। राष्ट्र निर्माण के इस महायज्ञ में सभी निष्पक्षता से मतदान कर अपने अपने नाम आहुति डालें। आपका मतदान की देश के विकास के चाल तक करेगा। यह बात राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला के एमसीए विभाग में दैनिक जागरण के अभियान Þसभी चुने. सही चुनेके तहत आयोजित कार्यक्रम में कॉलेज प्राचार्य डॉ. ज्योति कुमार ने कही।
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : हर पांच साल बाद राष्ट्र निर्माण रूपी यज्ञ 'चुनाव' होता है। राष्ट्र निर्माण के इस महायज्ञ में सभी निष्पक्षता से मतदान कर आहुति डालें। आपका मतदान ही देश के विकास की चाल तय करेगा। यह बात वीरवार को राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला के एमसीए विभाग में दैनिक जागरण के अभियान 'सभी चुनें, सही चुनें' के तहत आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्राचार्य डॉ. ज्योति कुमार ने कही।
उन्होंने कहा, इस समय देशभर में महापर्व चल रहा है और इसमें 18 वर्ष से अधिक आयु के हर नागरिक की सहभागिता जरूरी है। भारत युवा प्रधान देश है, इसलिए युवाओं का दायित्व है कि वे मतदान जरूर करें। बकौल डॉ. ज्योति कुमार, मतदान से पूर्व यह ध्यान रखें कि ऐसे प्रत्याशी के पक्ष में वोट डालें, जो पंचायत से लेकर राष्ट्र स्तर पर विकास करवाने की सोच रखता हो। ऐसा भी नहीं है कि जिस प्रत्याशी को आपने वोट दिया है वह जीतने से अगले ही दिन से देश बदल देगा। प्रत्याशी का विजन देखें और उसे प्राथमिकताएं दर्शाते हुए काम करने का अवसर दें। विकास की गाड़ी खुद दौड़ने लगेगी लेकिन ध्यान रहे कि कभी ऐसे प्रत्याशी को वोट न डालें जिसे जनहित से सरोकार न हो। इस दौरान एमसीए विभाग के समन्वयक डॉ. संजय पठानिया ने कहा कि जिस तरह शिक्षक को राष्ट्र निर्माता की संज्ञा दी गई है ठीक उसी तरह मतदाताओं को भी राष्ट्र निर्माण की संज्ञा दी जाती है। मतदाताओं के वोट से ही सरकार बनती है। कहा कि मतदान के दिन किसी भी युवा के जेहन में यह बात न आए कि उसके एक वोट से क्या फर्क पड़ेगा। बूथ में कतारों में लगने वाला हर व्यक्ति एक-एक वोट डालता है और यही संख्या लाखों में पहुंच जाती है।
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मतदान संवैधानिक अधिकार के साथ-साथ कर्तव्य भी है। ईमानदारी और निष्पक्षता से मतदान कर कर्तव्य का निर्वहन करें।
रोहित वर्मा। सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत है। हर वोट का लोकतांत्रिक व्यवस्था पर असर पड़ता है और अच्छे-बुरे सभी राजनेताओं का भविष्य तय करता है।
सुरेश बेदी। -मतदान से पहले सभी प्रत्याशियों के पुराने व नए घोषणापत्र का आकलन करें किक्या वे जनता की उम्मीदों पर खरे उतर पाए हैं। इसके बाद ही मतदान करें।
पारुल राणा। परिवारवाद से ऊपर उठकर मतदान का महत्व जानें। साथ ही मतदान के लिए परिजनों व आसपास के लोगों को भी जागरूक करें।
भावना महाजन।
मतदान का अर्थ कतारों में लगकर समय व्यर्थ करना नहीं है। वोट डालने से पहले प्रत्याशी की सोच व छवि को देखें। ध्यान रहे कि ईवीएम में सही बटन दबाएं।
शुभम गुलेरिया। -आज भी करोड़ों लोग ऐसे हैं, जो कि परिवार का इतिहास देखते हैं कि उनके पूर्वज किस पार्टी को वोट देते आ रहे हैं। परिवारवाद को छोड़ निष्पक्ष मतदान करें।
सोनिया