बैरक में मौजूद दो जवान ही खोलेंगे राज
मुनीष गारिया, धर्मशाला क्या परिस्थितियां रही कि देश सेवा के जज्बे को लेकर सेना में भर्ती हु
मुनीष गारिया, धर्मशाला
क्या परिस्थितियां रही कि देश सेवा के जज्बे को लेकर सेना में भर्ती हुआ एक जवान ने दो साथियों को गोली मारने के बाद अपनी जान दे दी। वरिष्ठ साथियों की जान लेने के बाद खुद को गोली मारने वाला सैनिक जसवीर सिंह कुछ समय पहले ही प्रशिक्षण पूरा कर 18 सिख रेजीमेंट कैंट टीहरा लाइन (धर्मशाला) में तैनात हुआ था। वह सितंबर 2016 में सेना में भर्ती हुआ था। हादसा कैसे हुआ, इसके राज अब बैरक में मौजूद दो अन्य जवान ही खोल सकते हैं।
हवलदार हरदीप सिंह और नायक हरपाल सिंह की बैरक से जसवीर का ड्यूटी प्वाइंट 400 मीटर दूर था। ड्यूटी पर जाने से पहले तीनों के बीच क्या बात हुई कि वह एक नहीं बल्कि दो-दो राइफल लेकर और ड्यूटी छोड़कर बैरक में पहुंचा। लाइट भी ऑन नहीं की और एक के बाद एक आठ गोलियां दाग दीं। उस समय बैरक में दो अन्य जवान भी थे, जो गोलियों की चपेट में आने से बच गए। रविवार रात को बैरक-ए में क्या हुआ था यह बात वहां मौजूद अन्य दो जवान ही बता सकते हैं। मौके पर दो राइफल बरामद होने से पुलिस को शक है कि वहां कोई छठा व्यक्ति तो नहीं था।
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ये हैं मुख्य सवाल
-रात दो बजे ही राइफल लेकर बैरक में क्यों आया जसवीर?
-संतरी ड्यूटी से दो-दो राइफलें लेकर जाने के बावजूद किसी ने उसे रोका क्यों नहीं?
-बैरक में अंदर आने और कमरे की कूंडी लगाने पर भी अंदर सभी चार जवानों में से किसी को उनकी मौजूदगी को पता नहीं चला?
-अगर जसवीर की दोनों के साथ कोई रंजिश नहीं थी तो सीधे निशाना साधते हुए उन पर ही क्यों गोलियां चलाई?
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कई जवान मनोवैज्ञानिक दबाव नहीं झेल पाते हैं और उनका दिमागी संतुलन बिगड़ जाता है। ऐसे में वह कई बार गलत कदम भी उठा लेते हैं, जोकि सही नहीं है। सेना की हर यूनिट में अधिकारी जवानों के साथ समन्वय बनाकर रखते हैं। ऐसे मामलों में कुछ बढ़ोतरी हुई है।
-सेवानिवृत्त कर्नल जयगणेश, धर्मशाला।