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हिमाचल शिक्षा मंच की बैठक में बच्चों को तीस प्रतिशत अतिरिक्त प्रश्‍नों का विकल्प देने की उठाई मांग

बैठक में सभी सहभागियों ने प्रदेश में शिक्षा बोर्ड द्वारा बोर्ड कक्षाओं की विषय वस्तु अथवा सिलेवस में तीस प्रतिशत की कमी अथवा तीस प्रतिशत अतिरिक्‍त विकल्प के साथ प्रश्‍न पत्र देकर प

By Richa RanaEdited By: Published: Mon, 24 Aug 2020 04:03 PM (IST)Updated: Mon, 24 Aug 2020 04:03 PM (IST)
हिमाचल शिक्षा मंच की बैठक में बच्चों को तीस प्रतिशत अतिरिक्त प्रश्‍नों का विकल्प देने की उठाई मांग
हिमाचल शिक्षा मंच की बैठक में बच्चों को तीस प्रतिशत अतिरिक्त प्रश्‍नों का विकल्प देने की उठाई मांग

धर्मशाला, जेएनएन।हिमाचल शिक्षक मंच की वर्चुअल ऑनलाइन बैठक का आयोजन किया गया ।जिसमें प्रदेश में कोरोना के कारण विद्यार्थियों की नियमित कक्षाएं न लग पाने से उपजी परिस्थितियों से निपटने पर चर्चा की गई। बैठक में सभी सहभागियों ने प्रदेश में शिक्षा बोर्ड द्वारा बोर्ड कक्षाओं की विषय वस्तु अथवा सिलेवस में तीस प्रतिशत की कमी अथवा तीस प्रतिशत अतिरिक्‍त विकल्प के साथ प्रश्‍न पत्र देकर परीक्षा लेने जैसे विषय पर गंभीरता पूर्वक मंथन किया गया।

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 विस्तृत चर्चा के बाद मंच इस निर्णय पर पहुंचा कि विषय वस्तु या सिलेवस को कम करने के स्थान पर बच्चों को तीस प्रतिशत अतिरिक्त प्रश्‍नों का विकल्प दिया जाए। मंच का यह मानना है कि बोर्ड कक्षाएं न केवल शैक्षणिक उपलब्धियों का मानक होती है बल्कि आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं का आधार भी होती हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं का दायरा काफी व्यापक होता है।

ऐसे में सिलेवस को कम करने से प्रदेश के विद्यार्थियों  को विषय की पूर्ण समझ नहीं हो पाएगी जिस कारण भविष्य में उन्हें मुश्किलों का सामाना करना पड़ सकता है। साथ ही साथ विद्यार्थी अधिक मेहनत करने को भी प्रेरित होंगे व विषयों की पूर्ण समझ उनमें विकसित होगी। अत: मंच ने विभाग व बोर्ड को सुझाव दिया है कि सिलेवस को कम करने की बजाय अतिरिक्त प्रश्‍नों का चयन करने की सुविधा विद्यार्थियो को दी जाए। मंच ने पाठशालाओं में स्टाफ की उपस्थिती को लेकर भी स्पष्ट दिशा निर्देश देने की मांग की है ताकि पाठशालाओं में नियमित रूप से कार्य चलें। पाठशालाओं में बच्चों की फीस को लेकर भी अभी तक विभाग से कोई भी स्पष्ट निर्णय नहीं आ रहा है। एक तरफ जहां निजी स्कूलों की सरकार ने कोई भी फंड लेने से मना किया है, वही सरकारी पाठशालाओं मे लिए जाने वाले फंडस को लेकर स्थिती स्पष्ट नहीं हो पा रही है। मंच ने आनलाइन शिक्षा में गरीब विद्यार्थियों को आ रही समस्याओं पर भी मंथन किया व मांग की कि ऐसे  विद्यार्थियों के लिए यदि संभव हो तो प्रदेश सरकार मोबाइल  फोन व मुफ्त इंटरनेट की व्यवस्था करें । बैठक में मंच के पद्रेश संयोजक अश्वनी भटट, संजय मोगू, तपिश थापा, सुनिल राजपूत व विजय शमशेर भंडारी उपस्थित रहे।


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