कांगड़ा की 22 पंचायतों से इंटरनेट अब भी दूर, 16 पंचायतों में भवन नहीं
जिला कांगड़ा की 748 पंचायतों में से 16 पंचायतों को अब भी अपने भवन नसीब नहीं हो पाए हैं। जबकि डिजिटल युग में जिला की बड़ा भंगाल समेत 22 पंचायतें आज भी इंटरनेट सुविधा से अछूती हैं।
धर्मशाला [राजेंद्र डोगरा]। जिला कांगड़ा की 748 पंचायतों में से 16 पंचायतों को अब भी अपने भवन नसीब नहीं हो पाए हैं। जबकि डिजिटल युग में जिला की बड़ा भंगाल समेत 22 पंचायतें आज भी इंटरनेट सुविधा से अछूती हैं। अपने भवनों से वंचित पंचायतों में धर्मशाला विकास खंड की टऊ, बाघनी व ज्यूल पंचायतें शामिल हैं। वहीं बैजनाथ विकास खंड में मुल्थान, कोठी, हरेड़, सुनपुर, रजेहड़, रैत ब्लाक की बौड़ सारना, परागपुर की सियूल, चलाली, अप्पर परागपुर, गुरनवाड़, नगरोटा बगवां की बलधर व सेराथाना तथा नगरोटा सूरियां की मरियाणा पंचायतें शामिल हैं। इन पंचायतों में ग्राम सभाओं का तो आयोजन हो रहा है, लेकिन अधिकांश पंचायतों में यह आयोजन भवनों के बाहर ही हो रहा है। तो कुछ हॉल में करवा रहे हैं। पंचायतों भवनों की मौजूदा दशा के अलावा अन्य जानकारी से संबंधित विभाग के अधिकारी भी स्वयं अनजान हैं।
डिजिटल युग में भी इंटरनेट दूर
जिला के खंड विकास बैजनाथ की बड़ा भंगाल, बडाग्रां, कोठी कोहड़, धरमान, लुआई, स्वाड़ व पोलिंग पंचायतें शामिल हैं। इसी तरह फतेहपुर खंड विकास के तहत रियाली, भटियां, वरूणा व समलेट, नगरोटा बगवां के तहत जलोट, टौरू, सलाह जंद्राह, खावा, बराणा, सदंू बडग़्रां, परागपुर के तहत पुनणी, ढौंटा, रैल, कटोह टिक्कर जबकि सुलह विकास खंड के काहनपट पंचायत इंटरनेट सुविधा से वंचित है।
'जिला में 22 पंचायतों में इंटरनेट सुविधा नहीं है। इसके अलावा 16 पंचायतों के पास अपने भवन नहीं हैं। इसका कारण पंचायतों के पास अपनी भूमि न होना है। सभी पंचायतों के पास अपने भवन हों, इस दिशा में पूरा प्रयास किया जा रहा है और पंचायत जनप्रतिनिधियों को वन भूमि की क्लीयरेंस को लेकर जागरुक किया जा रहा है, ताकि पंचायतों को अपने भवन नसीब हो सकें।' -विजय बरागटा, जिला पंचायत अधिकारी कांगड़ा।