पर्यटकों को नहीं कोरोना की परवाह
प्रदेश सरकार द्वारा मंदिरों के द्वार सशर्त खोलने के बाद जनजातीय क्षेत्र भरमौर मे ंपर्यटक आने लगे हैं।
संवाद सहयोगी, भरमौर : प्रदेश सरकार द्वारा मंदिरों के द्वार सशर्त खोलने के बाद जनजातीय क्षेत्र भरमौर में भी पर्यटक पहुंचने लगे हैं। हालांकि पर्यटक मंदिर परिसर में निर्धारित दिशानिर्देश व नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। वे मास्क भी नहीं पहन रहे हैं। ऐसा लग रहा है जैसे पर्यटकों को कोरोना की कोई परवाह नहीं है।
चौरासी मंदिर परिसर के जिन मंदिरों में ताले नहीं हैं, वहां पर्यटक प्रतिमाओं को छूकर उनके साथ फोटो खिचवा रहे हैं। नियमानुसार पुजारी के अलावा किसी को भी मंदिर के भीतर प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। उन्हें प्रतिमाओं को छूने की भी अनुमति नहीं है। पर्यटकों द्वारा नियमों के उल्लंघन से कोरोना का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन ने मंदिरों में प्रवेश से पूर्व श्रद्धालुओं व पर्यटकों की थर्मल सक्रीनिग करने के अलावा उन्हें सैनिटाइज करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि ये निर्देश पूरी तरह लागू होते नहीं दिख रहे हैं। क्षेत्र में सैकड़ों लोगों की बिना मास्क आवाजाही से स्थानीय लोग कोरोना के खतरे से आशंकित हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन व पुजरियों से मांग की है कि वे इस विषय में गंभीरता बरतें अन्यथा वायरस से कई लोग संक्रमित हो जाएंगे। भरमौर मुख्यालय में अब पर्यटकों के साथ राज्य के बाहर से फेरी वाले व अन्य कामगार भी पहुंच रहे हैं।
------------ सार्वजनिक स्थलों पर बिना मास्क घूमने वाले लोगों के चालान किए जा रहे हैं। लोगों को मास्क पहनने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। लोग मास्क को पुलिस से पकड़े जाने के डर से नहीं बल्कि स्वयं व अपने परिवार को कोरोना से बचाने के लिए पहनें।
नितिन चौहान, थाना प्रभारी, भरमौर