पहाड़ी संगीत काफी मीठा : सुनील राणा
रणवीर ¨सह, चंबा युवा वर्ग में पहाड़ी संगीत में रुचि देख काफी खुशी महसूस होती है। बीते कु
रणवीर ¨सह, चंबा
युवा वर्ग में पहाड़ी संगीत में रुचि देख काफी खुशी महसूस होती है। बीते कुछ सालों से युवा पहाड़ी संगीत को सुनना पसंद कर रहे हैं। हाल ही में पेश की गई गदियाली नाटी को युवाओं ने काफी पसंद किया है। मिंजर मेले की दूसरी सांस्कृतिक संध्या में प्रस्तुति देने के लिए चंबा पहुंचे हिमाचली कलाकार सुनील राणा ने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में यह बात कही।
उन्होंने बताया कि कुल्लू, किन्नौर, शिमला में कई हिमाचली कलाकारों ने नाटियां गाई हैं। जिन्हें काफी पसंद किया गया है। लेकिन चंबा व कांगड़ा जिले में कोई हिमाचली नाटी नहीं गाई है। जिससे पहली बार गदियाली नाटी को पेश किया जिसे लोगों ने काफी प्यार दिया है। तीन माह में गदियाली नाटी को 22 लाख लोगों ने सुना है। उनका मुख्य लक्ष्य युवाओं में पहाड़ी संगीत में रुचि पैदा करना है। पहाड़ी संगीत काफी मीठा है। पहाड़ी विशेषकर हिमाचली लोकगीतों ने भारत ही नहीं दुनिया में पहचान बनाई है।
सुनील राणा ने बताया कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि उनके गानों को इतना पसंद किया जाएगा। बचपन से समय में ही गीतों को गुनगुनाना व सुनना अच्छा लगता था। कॉलेज के दौरान संगीत को सीखना शुरू किया तथा कुछ मंच पर गाना शुरू किया। उस दौरान सिर्फ यही ख्याल रखा कि सिर्फ पहाड़ी संस्कृति को ही बढ़ावा देना है। समय के साथ लोगों का प्यार मिलता गया। हालांकि शुरुआती दौर में कोई सफलता नहीं मिली। लेकिन दोस्तों ने संगीत की धुन व गानों को काफी पसंद किया। इसके बाद लगभग सभी गानों ने काफी पहचान दिलाई। प्रदेश में ही नहीं बल्कि भारत व अन्य देशों में भी गानों को पसंद किया गया।
दो वर्ष पहले चिटा ता तेरा चोला काला डोरा गाने को ¨सगापुर के चैनल मीडिया कोर द्वारा करवाए गए कार्यक्रम में बेहद पसंद किया गया था। इस चैनल के माध्यम से दुनिया में हिमाचल का नाम रोशन हुआ। उन्होंने कहा कि संगीत परमात्मा से जोड़ता है। जब भी वह गाते हैं तो संगीत में लीन हो जाते हैं।