चंबा की सर्पीली सड़कों पर खूनी खेल जारी
चंबा की सर्पीली तंग व खस्ताहाल सड़कों पर खूनी हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
सुरेश ठाकुर, चंबा
चंबा की सर्पीली, तंग व खस्ताहाल सड़कों पर खूनी हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हर साल जिला के मुख्य सहित संपर्क मार्गो पर होने वाले हादसों में मरने वालों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। वीरवार को उपमंडल भरमौर की सुंकू की टपरी नामक स्थान पर हुआ हादसा भी जिले में अब तक हुए बड़े हादसों में दर्ज हो गया है। हर हादसे में अपनों को गंवाने वालों के जख्मों पर प्रशासन फौरी राहत देकर मरहम लगाकर अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर लेता है लेकिन हादसे रोकने को लेकर सरकार व प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस पहल नहीं हो पाई है। हर हादसे के बाद जांच की बात कही जाती है लेकिन जांच में क्या परिणाम निकला, इसका कभी खुलासा नहीं हो पाया है। इस कारण जिला की सड़कें खून से सन रही हैं।
चंबा जिला में अब तक सबसे बड़ा हादसा चंबा-गागला मार्ग पर अगस्त, 2012 में हुआ था, जिसमें 53 लोगों की मौत हो गई थी। सलूणी के चकोली पुल के पास कैंटर के नाले में गिरने से 45 लोगों की मौत हुई थी। खैरी कस्बे में चार वर्ष पहले शिवरात्रि की रात एक कैंटर के गिरने से 36 लोग काल का ग्रास बने थे। तीसा के कल्हेल में बस गिरने से 32, चरडा में निजी बस गिरने से 19 लोग और शिकारी मोड़ के पास बस गिरने से 16 लोगों की मौत हुई थी। भरमौर के लाहल में हुए बस हादसे में 45 और गरोला में निजी बस के गिरने से 19 लोगों की मौत हुई थी। हिमगिरि मार्ग पर निजी बस के दुर्घटनाग्रस्त होने से 17 लोगों की मौत हुई थी। अथेड़ मार्ग पर पिकअप लुढ़कने से दस युवकों की मौत हो गई थी। भरमौर के बन्नी माता मार्ग पर पिकअप गिरने से 11 युवक मारे गए थे। इसके अलावा अनेक ऐसे सड़क हादसे विभिन्न संपर्क मार्गो पर हुए हैं। वीरवार को उपमंडल भरमौर की सुंकू की टपरी नामक स्थान पर हुआ सड़क हादसा भी चार परिवारों को ऐसे जख्म दे गया है, जिसकी भरपाई कभी नहीं हो पाएगी। मौके पर अपनों को गंवाने वालों का दर्द आंखों से साफ झलक रहा था।
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ओवरलोडिग भी जान की दुश्मन
जिला चंबा के जनजातीय क्षेत्रों में कुछ बसें चलने से अकसर इनमें ओवरलोडिग की स्थिति रहती है। यही ओवरलोडिग लोगों की जान पर भारी पड़ती है। वाहन के थोड़ा-सा भी लुढ़कने पर भारी नुकसान झेलना पड़ता है। वहीं, पुराने व खटारा वाहन भी कहीं न कहीं इन हादसों का कारण बन रहे हैं। वर्ष 2012 से अब तक हादसे
वर्ष,हादसे,मृतकों की संख्या,घायल
2012,97,112,216
2013,133,83,250
2014,139,86,305
2015,115,88,169
2016,116,89,231
2017,118,59,260
2018,137,68,272
2019,116,76,212
2020,33,21,83
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पूर्व वन मंत्री ने हादसे पर जताया शोक
संवाद सहयोगी, चंबा : पूर्व वनमंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी व किलोड़ वार्ड के जिला परिषद सदस्य अमित भरमौरी ने भरमौर में हुए बोलेरो हादसे में चार लोगों की मौत पर शोक जताया है। उन्होंने भगवान से शोक संतप्त परिवारों को सहनशक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।