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भौतिक सुख के पीछे भागते रहना समझदारी नहीं

संत निरंकारी सत्संग भवन मुगला में सत्संग किया गया। सत्संग की शुरुआत अवतारवाणी के श्लोकों से हुई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 03:58 PM (IST)Updated: Sun, 23 Sep 2018 03:58 PM (IST)
भौतिक सुख के पीछे भागते रहना समझदारी नहीं
भौतिक सुख के पीछे भागते रहना समझदारी नहीं

संवाद सहयोगी, चंबा : संत निरंकारी सत्संग भवन मुगला में सत्संग किया गया। सत्संग की शुरुआत अवतारवाणी के श्लोकों से हुई। लोगों ने भजन-कीर्तन भी किया। महात्मा बिशन चरण ने अपने विचारों से लोगों को भाव-विभोर किया। उन्होंने कहा कि धर्म किसी समुदाय या गिरोह का नाम नहीं है। धार्मिक व्यक्ति कभी किसी से नफरत नहीं करता है। वह तो दया और परोपकार का प्रकाशपुंज होता है। धर्म मनुष्य को मनुष्य से जोड़ता है। नफरत, बैर, ईष्र्या व ¨हसा का माहौल सिर्फ आध्यात्मिक अज्ञानता की वजह से है। इंसान के रूप में जीवन मिलना सौभाग्य की बात है। इसे ज्ञान की खोज में लगाना ही समझदारी है। जबकि, वर्तमान में लोग भौतिकता के पीछे भागते हैं। अपनी जरूरतों को पूरा करना जरूरी है, लेकिन महज भौतिक सुख प्राप्त करने के पीछे भागते रहना समझदारी नहीं है। भौतिक वस्तुएं कुछ समय तक तो सुख प्रदान कर सकती हैं, लेकिन पूरे जीवन में सुख व शांति नहीं ला सकते हैं। ज्ञान व परमात्मा का सिमरन इंसान को शांति व सुख के चरम पर ले जाता है।

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