आवश्यकता दो हजार किलोवाट, उत्पादन 500 किलोवाट
अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ इकाई पांगी द्वारा उठाई गई बिजली की समस्या पर विद्युत बोर्ड द्वारा सफाई दी गई है।
संवाद सहयोगी, पांगी : अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ इकाई पांगी द्वारा उठाई गई बिजली की समस्या पर विद्युत बोर्ड द्वारा सफाई दी गई है। विद्युत बोर्ड द्वारा बिजली की समस्या आने का कारण कम विद्युत उत्पादन को बताया गया है। इस संबंध में विद्युत बोर्ड की ओर से आवासीय आयुक्त को पत्र भी लिखा गया है।
विद्युत बोर्ड के अनुसार पांगी घाटी में गर्मियों में करीब 3000 किलोवाट और सर्दियों में 2000 किलोवाट डिमांड लोड की आवश्यकता रहती है। जबकि वर्तमान समय में करीब 500 किलोवाट बिजली उत्पादन ही संभव हो पा रहा है। ऐसी स्थिति में विद्युत बोर्ड को एक दिन पावर कट के बावजूद भी विद्युत आपूर्ति को आवंटित करना काफी मुश्किल हो रहा है।
ठंड से बचने के लिए प्रत्येक विभाग में सरकार द्वारा गैस हीटर प्रदान किए गए हैं लेकिन यह पाया गया है कि लगभग सभी विभागों में गैस हीटरों का उपयोग न करके विद्युत हीटरों का प्रयोग किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में सभी विभागों को विद्युत आपूर्ति सुचारू रूप से करना कठिन हो गया है। विद्युत बोर्ड ने आवासीय आयुक्त से विभागों में बिजली के हीटरों पर प्रतिबंध लगाने के लिए आदेश जारी करने की मांग की है। वहीं प्रदेश सरकार ने पांगी घाटी की विद्युत समस्या के मद्देनजर हजारों की संख्या में सोलर लाइटें वितरित की हैं लेकिन बोर्ड को फिर भी विद्युत समस्या से निजात नहीं मिली, क्योंकि उपभोक्ता सिर्फ पावर कट के दौरान ही इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। घाटी के करहोती, परमस, संरी भटवास, कवास व महालियत में नियमित रूप से बिजली नहीं दी जा रही है। उक्त गावों में महालियत गांव को छोड़कर किलाड़ पावर हाउस से बिजली की आपूर्ति की जाती है, जिनका डिमांड लोड 215 किलोवाट है। जबकि उत्पादन 110 किलोवाट हो रहा है, जिससे इन गांवों को भी अस्पताल को छोड़कर एक दिन के अंतराल के बाद विद्युत आपूर्ति मुहैया की जा रही है।
महालियत, करेल, पुंटो, बस स्टैंड, राजस्व कॉलोनी एवं कार्यालय, जलशक्ति व लोक निर्माण विभाग कॉलोनी व कार्यालय, वन विभाग के कार्यालय, विद्युत बोर्ड की कॉलोनी, गांव प्रघवाल, करग्रास व प्रेगों को पावर हाउस साच से विद्युत आपूर्ति मुहैया की जाती है। इसके अलावा भी अन्य विषयों को प्रमुखता के साथ रखा है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन द्वारा आगामी कदम क्या उठाया जाता है।