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सराहनीय : मानवता अब भी जिंदा है

बनीखेत में मंगलवार को लोगों ने नाले में गिरी एक बेसहारा गाय को बाहर निकालकर पशु चिकित्सालय के कर्मचारियों से उसकी मरहम पंट्टी करवाकर मानवता का परिचय दिया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Apr 2021 06:54 AM (IST)Updated: Wed, 07 Apr 2021 06:54 AM (IST)
सराहनीय : मानवता अब भी जिंदा है
सराहनीय : मानवता अब भी जिंदा है

संवाद सहयोगी, डलहौजी : बनीखेत में मंगलवार को लोगों ने नाले में गिरी एक बेसहारा गाय को बाहर निकालकर पशु चिकित्सालय के कर्मचारियों से उसकी मरहम पंट्टी करवाकर मानवता का परिचय दिया। गाय को नाले से बाहर निकालने के बाद एक इमारत के साथ खाली जगह पर रखा गया है। जहां उसके लिए चारे आदि का प्रबंध किया गया।

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मंगलवार को ज्वाला माता मोहल्ले के समीप रास्ते से गुजर रही एक बेसहारा गाय अचानक असंतुलित होकर लगभग 30-35 फीट गहरे नाले में जा गिरी। इस घटना में गाय का एक सींग टूट गया व उसे काफी चोटें आई। गाय उठ तक नहीं पा रही थी। पास ही स्थित एक होटल डलहौजी ग्रैंड के मालिक अमित शिगारी व साथ लगते घरों के लोगों ने गाय को किसी तरह सूखे स्थान तक पहुंचाया। स्थानीय पंचायत व पशुपालन विभाग के कर्मचारियों को भी सूचना दी। इस दौरान बारिश भी शुरू हो गई थी। मोहल्ले की एक महिला व एक युवती अपने घरों से कंबल व छाते लेकर मौके पर पहुंचीं और मदद पहुंचने तक कंबल डालकर गाय के शरीर को गर्म रखने का प्रयास किया।

छाते तानकर गाय के समीप ही खड़ी रहीं। पशु चिकित्सालय से कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर गाय की मरहम पंट्टी तो कर दी परंतु जिस स्थान पर नाले में गाय थी वहां से उसे चलाकर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाना मुश्किल था।

पंचायत प्रधान अरुण राणा सहित स्थानीय निवासी अमित शिगारी, सुखदेव राणा, दलबीर शर्मा आदि ने कस्बे में दिहाड़ी मजदूरी करने वाले मजदूरों के सहयोग से लकड़ियों व रस्सी से बांधकर गाय को नाले से उठाकर एक इमारत के बाहर छत के नीचे सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया।

सुखदेव राणा ने गाय के लिए घास का भी प्रबंध किया। पंचायत प्रधान अरुण राणा ने कहा कि नाले में गिरी गाय को बचाकर सुरक्षित जगह पर रखा गया है। उन्होंने क्षेत्र के पशुपालकों को हिदायत भी दी कि लोग अपने मवेशियों को खुला न छोड़े, अन्यथा पंचायत कार्रवाई करेगी।

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मजदूरी से मजदूरी पूछी तो यह दिया जवाब

प्रधान ने जब गाय को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने में मदद करने वाले मजदूरों से उनकी मजदूरी के बारे में पूछा तो मजदूरों ने बहुत ही सुंदर जवाब दिया कि प्रधान जी, जिस तरह आपने गाय माता की सेवा की, उसी तरह गाय हमारी भी तो माता है और माता की सेवा के बदले शुल्क कैसे ले सकते हैं।


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