जून में होगा पांगी के देंती नाग देवता का मंदिर का जीर्णोद्धार
पांगी मुख्यालय के किलाड़ में किलाड़ प्रजामंडल की बैठक हुई। इसमें किलाड़ के प्राचीन पहाड़ी शैली में बने सदियो पुराने देंती नाग के मंदिर को फिर से तैयार करने के बारे में चर्चा की गई।
कृष्ण चंद राणा, पांगी
घाटी के मुख्यालय किलाड़ में सोमवार को किलाड़ प्रजामंडल की बैठक हुई। इसमें किलाड़ के प्राचीन पहाड़ी शैली में बने सदियों पुराने देंती नाग देवता के मंदिर को जून में फिर से बनाने का फैसला लिया गया। यह मंदिर हाल ही में अग्निकांड की भेंट चढ़ गया था। स्थानीय लोगों ने कड़ी मशक्कत से आग पर काबू पाकर मंदिर के गर्भ गृह को जलने से बचा लिया था। मंदिर सदियों पुराना है और यहां के लोगों की काफी आस्था भी है।
बैठक में मंदिर के पुजारी खतको सहित प्रजामंडल के अन्य सदस्यों ने अपनी बात रखी। मंदिर बनाने को लेकर भी चर्चा की गई। पांगी घाटी में मंदिरों का निर्माण कार्य मई व जून माह में किया जाता है, ताकि इस दौरान मौसम बाधा न बने। हर सात साल के बाद मंदिरों का निर्माण स्थानीय प्रजाओं द्वारा किया जाता है। बैठक में निर्णय लिया गया कि मंदिर बनाने का काम जून माह में किया जाएगा। दिसंबर में मंदिर की काष्ठ कला की नक्काशी के लिए देवदार की लकड़ी निकाली जाएगी। वहीं, बैठक में पांगी के मंदिरों में नाग, हनुमान, राम, शिव, भैरब की मूर्तियों की नक्काशी के बारे में भी चर्चा की गई। किलाड़ के नाग देवता मंदिर के लिए सरकार से अनुदान के लिए भी प्रजामंडल ने प्रस्ताव बनाकर पांगी प्रशासन के माध्यम से सरकार को भेजने का निर्णय लिया है, ताकि मंदिर को नई तकनीक से बनाया जा सके। हालांकि प्रशासन ने पहले ही हर प्रकार की सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है। बैठक में किलाड़ के अन्य लोग भी मौजूद रहे।