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प्राचार्य न प्राध्यापक, अपना भवन भी नहीं

आकांक्षी जिले चंबा के जनजातीय क्षेत्र पांगी में युवाओं को शिक्षित करन

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 08:42 PM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 08:42 PM (IST)
प्राचार्य न प्राध्यापक, अपना भवन भी नहीं
प्राचार्य न प्राध्यापक, अपना भवन भी नहीं

कृष्ण चंद राणा, पांगी

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आकांक्षी जिले चंबा के जनजातीय क्षेत्र पांगी में युवाओं को शिक्षित करने के लिए मुख्यालय किलाड़ में कॉलेज तो चलाया जा रहा है, लेकिन यह नाममात्र ही माना जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि न तो यहां पर्याप्त स्टाफ है, न ही अक्टूबर, 2018 के बाद से स्थायी प्राचार्य और न ही अपना भवन। साइंस, कॉमर्स और आ‌र्ट्स विषयों के लिए स्वीकृत 19 में से 12 पद प्राध्यापकों के खाली हैं। कॉमर्स के किसी भी विषय के प्राध्यापक नहीं हैं। विज्ञान संकाय में मात्र फिजिक्स के प्राध्यापक का पद भरा है। आ‌र्ट्स में इतिहास, राजनीतिक शास्त्र, हिदी, अंग्रेजी, जियोग्राफी तथा संगीत के प्राध्यापक हैं। संगीत का प्राध्यापक तो है पर बच्चे नहीं हैं। कॉलेज का अपना भवन न होने के कारण 2018 से प्रशासनिक भवन में कक्षाएं लगाई जा रही हैं।

इस समय 204 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। जो बच्चे आर्थिक रूप से संपन्न हैं, वे विज्ञान के प्राध्यापक व लैब न होने के कारण बाहर जाकर पढ़ते हैं। अन्य मजबूरन आ‌र्ट्स की पढ़ाई कर रहे हैं। चार विद्यार्थियों ने रामभरोसे गणित विषय रखा है। गणित के प्राध्यापकों के तीन पद थे, लेकिन स्थानांतरण के बाद ये पद खत्म कर दिए गए। स्टाफ और छात्रों के लिए कैंटीन भी नहीं है।

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पांगी में 2007 में खुला था महाविद्यालय

2007 में कांग्रेस सरकार ने महाविद्यालय खोला था, जिसे 2018 तक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला किलाड़ के भवन में चलाया गया। 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने प्रशासनिक भवन का शिलान्यास किया था। 2018 में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसका लोकार्पण किया और कॉलेज को यहां शिफ्ट किया गया।

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विद्यार्थियों की कक्षावार स्थिति

साइंस

प्रथम वर्ष,4

द्वितीय वर्ष,4

तृतीय वर्ष,1

कॉमर्स

प्रथम वर्ष,4

द्वितीय,9

तृतीय,3

आ‌र्ट्स

प्रथम वर्ष,42

द्वितीय वर्ष,93

तृतीय वर्ष,44

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जम्मू-कश्मीर से भी आते थे छात्र

पांगी महाविद्यालय में पड़ोसी राज्य जम्मू कश्मीर के पाडर विकास खंड के छात्र भी शिक्षा ग्रहण करने आते थे। 2016 में गांधारी की शिल्पा ने बीए अंतिम वर्ष में महाविद्यालय में स्टाफ की कमी के कारण अन्य महाविद्यालय में जाने का फैसला लिया था। अब पांगी के छात्र बाहर जा रहे हैं।

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खाली पदों का मामला उच्चाधिकारियों के माध्यम से सरकार के ध्यान में लाया गया है। जल्द खाली पदों को भरा जाएगा। विज्ञान भवन और आ‌र्ट्स भवन निर्माण के लिए पैसा आ गया है। जल्द जगह का चयन करके भवन निर्माण करवाया जाएगा।

-सरिता, कार्यकारी प्राचार्य पांगी महाविद्यालय

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इन विषयों के प्राध्यापक नहीं

रसायन विज्ञान, अर्थशास्त्र, फिजिकल सोशियोलॉजी, बॉटनी, जूलॉजी समेत कॉमर्स के सभी विषयों के प्राध्यापक नहीं हैं।


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