एक डाक्टर : इमरजेंसी देखे या ओपीडी
एक चिकित्सक डेढ़ सौ से अधिक मरीजों की कतार।
संवाद सहयोगी, चंबा : एक चिकित्सक डेढ़ सौ से अधिक मरीजों की कतार। इमरजेंसी में भी बिस्तर पर मरीज। एक चिकित्सक बैड पर लेटे मरीज को देखे या फिर कतार में खड़े लोगों की जांच करे। ऐसे हालत में कतार में खड़े मरीजों की न तो समय पर जांच हो रही है और न इलाज। मरीजों का मर्ज कम होने की बजाय बढ़ता ही जाएगा।
यहां बात की जा रही है मेडिकल कालेज चंबा की। सोमवार को छुट्टी का दिन और आपातकालीन कक्ष ही विभिन्न बीमारियों से परेशान दुर्गम क्षेत्रों से मेडिकल कालेज चंबा पहुंचे मरीजों के लिए एकमात्र सहारा। इमरजेंसी में सिर्फ एक ही चिकित्सक होने के चलते जांच व इलाज के लिए खड़े करीब डेढ़ सौ से अधिक बीमार लोगों को लंबे समय तक चिकित्सक के पास पहुंचने के लिए इंतजार करना पड़ा। डेढ़ से दो घंटे तक इंतजार करने के बाद भी नंबर न आने के बाद कई मरीजों ने निजी क्लीनिक में जाकर जांच कराना उचित समझा।
मेडिकल कालेज की इस हालात को लेकर जिला के दुर्गम क्षेत्रों से आ रहे मरीजों के अलावा अन्य लोग कई तरह के प्रश्न खड़े कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर सरकार की ओर से जिला के लोगों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। चार दिन के लिए चिकित्सक भेजे जाते हैं और उन्हें फिर से वापस बुला लिया जाता है। इंफ्रास्ट्रक्चर सहित स्टाफ न होने से कालेज का वजूद खतरे में है। लोगों का कहना है कि मात्र नाम देने से ही मेडिकल कालेज नहीं चल सकता। इसके लिए सुविधाओं की जरूरत है, ताकि जिला के लोगों को भी इसका लाभ मिल सके। इससे बेहतर तो जोनल व क्षेत्रीय अस्पताल होते हैं, जहां पर संस्थान के हिसाब से चिकित्सक व स्टाफ सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं। मेडिकल कालेज एक बहुत बड़ा संस्थान है, लेकिन यहां पर जोनल अस्पताल से भी सभी कम सुविधाएं हैं, जिसका खामियाजा आकांक्षी जिला के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। ऐसे में सरकार मेडिकल कालेज चंबा के लिए चिकित्सक देने के अलावा अन्य तरह के सुविधाएं उपलब्ध कराएं, ताकि लोगों को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें। चिकित्सकों की कमी के चलते दिक्कतें आ रही हैं। हाल ही में जिन चिकित्सकों को मेडिकल कालेज चंबा भेजा था, उन्हें भी वापस बुला लिया है। बावजूद इसके लोगों को समय पर इलाज मिल सके, इसे लेकर हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इमरजेंसी वार्ड आपातकालीन मरीजों के लिए है। ऐसे में रूटीन के मरीज ओपीडी में जांच करवाएं तो उचित रहेगा।
-रमेश भारती, प्राचार्य मेडिकल कालेज चंबा