भोटन क्षेत्र के छह गांव सड़क सुविधा से वंचित
इसे विडंबना नहीं तो और क्या कहें कि आजादी के कई दशक बाद भी उपमंडल डलहौजी व भटियात विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत मेल के आधा दर्जन गांवों के लोग सड़क सुविधा से वंचित हैं।
विशाल सेखड़ी, डलहौजी
इसे विडंबना नहीं तो और क्या कहें कि आजादी के कई दशक बाद भी उपमंडल डलहौजी व भटियात विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत मेल के आधा दर्जन गांवों के लोग सड़क सुविधा से वंचित हैं। आजादी के बाद प्रदेश में अब तक कई सरकारें आई और गई लेकिन भोटन क्षेत्र के लोगों का भाग्य नहीं बदला।
सड़क सुविधा न होने के कारण क्षेत्र से करीब 20 परिवार पलायन कर चुके हैं और जो आबादी यहां रह रही है, उसे कई तरह की दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। भोटन गांव सहित बरला, बासा, चौंका, गोचर व जिहर आदि गांवों के विद्यार्थियों को पांचवीं के बाद की शिक्षा हासिल करने के लिए वन क्षेत्र से होकर गुजरने वाली कई किलोमीटर पगडंडी से होकर मेल गांव स्थित स्कूल में जाना पड़ता है। जबकि क्षेत्र में किसी के बीमार होने पर पालकी मे पगडंडियों से होकर छंभर गांव तक पहुंचाना पड़ता है अथवा नाव के माध्यम से संधारा तक ले जाना पड़ता है। दोनों ही रास्तों से होकर मुख्य सड़कों तक पहुंचने में परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। कई बार मुख्य सडक तक पहुंचाने में अधिक समय लग जाने के कारण मरीज की हालत गंभीर भी हो जाती है।
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क्या कहते हैं बुजुर्ग
98 वर्षीय बरला गांव निवासी चैन सिंह ने बताया कि बचपन से पैदल ही गांव से बाहर जाते हैं। अब उम्र सौ होने जा रही है और ऐसे में उम्मीद करता हूं कि सरकार हमें जल्द सड़क सुविधा देगी ताकि हमेशा के लिए आंखें बंद होने से पहले मैं भी अपने गांव का सफर वाहन में तय करने की खुशी हासिल कर सकूं। मालूम हो कि क्षेत्र के लोगों की समस्याएं जाने के लिए सरकार के आदेश पर एसडीएम डलहौजी की अगुआई में उपमंडल डलहौजी के विभिन्न विभागों के अधिकारी भोटन क्षेत्र में पहुंचे थे। जहां लोगों ने उन्हें सड़क की कमी की सबसे बड़ी समस्या से अवगत करवाते हुए सड़क की उनकी मांग सरकार तक पहुंचाने की गुहार लगाई थी।
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भोटन में पहुंचना इसलिए भी मुश्किल
भोटन गांव पहुंचने के लिए उपमंडल प्रशासन को भी काफी मशक्कत करनी पड़ी। डलहौजी से संधारा गांव तक का लगभग 29 किलोमीटर का सफर वाहन से तय करने के बाद प्रशासनिक टीम एक नाव के माध्यम से संधारा से करीब आठ से नौ किलोमीटर दूर बरला गांव के नीचे तक पहुंची। नाव से सफर तय करने में करीब नौ घंटे का समय लगा। इसके उपरांत करीब डेढ़ किलोमीटर सीधी चढ़ाई करके प्रशासनिक टीम बरला गांव पहुंची जहां से जंगल से गुजरने बाली पगडंडी से होकर करीब तीन किलोमीटर का पैदल सफर तय करके प्रशासनिक अधिकारी प्राथमिक पाठशाला भोटन पहुंचे। इस सफर को तय करने में प्रशासनिक अधिकारियों को उन समस्याओं की व्यावहारिक जानकारी मिली जिन समस्याओं से क्षेत्र की लगभग 400 आबादी रोजाना दो-चार होती है। एसडीएम जगन ठाकुर के प्रयासों से यह पहला मौका था कि जब उपमंडल के सभी विभागों के अधिकारी कठिन सफर तय करके इस दुर्गम क्षेत्र में पहुंचे थे।
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भोटन क्षेत्र को सड़क न होने की समस्या से मैं अवगत हूं। क्षेत्र का कई बार दौरा कर चुका हूं और लोगों को जहां पेयजल-बिजली इत्यादि की सुविधाएं उपलब्ध हैं, वहीं क्षेत्र में आगनबाड़ी भवन निर्मित करवाया गया है। भोटन गांव के लिए एक पेयजल योजना भी उपलब्ध कराई गई है। क्षेत्र के मात्र दो विद्यार्थियों हेतु यहां पर एक प्राथमिक विद्यालय भी स्थित है। क्षेत्र के लिए सड़क मार्ग निर्माण करवाना भी मेरी प्राथमिकताओं में शुमार है जिसके तहत दोबाला डंगा से छंभर गांव तक सड़क निर्माण हो चुका है और छंभर से आगे भोटन क्षेत्र के लिए भी जल्द से जल्द सड़क निर्माण पूरा कर क्षेत्र के लोगों को सड़क सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।
-बिक्रम जरियाल, मुख्य सचेतक एवं विधायक भटियात विधानसभा क्षेत्र।