जलाशय में डूबे कार सवार की तलाश के लिए सोनार तकनीक का उपयोग
आठ अक्टूबर को जलाशय में समायी कार व चालक की तलाश के लिए सोनार टेक्नोलॉजी की मदद ली जा रही है।
विशाल सेखड़ी, डलहौजी। भलेई के छो नाला के समीप चमेरा जलाशय में आठ अक्टूबर को समाई कार व चालक की तलाश के लिए अब सोनार टेक्नोलॉजी की मदद ली जा रही है। शनिवार से सोनार के माध्यम से जलाशय में डूबी कार व चालक मंगत राम को तलाशने का अभियान शुरू किया गया है। हालांकि अभी तक टीम को कोई कामयाबी तो नहीं मिली है, लेकिन जलाशय में डूबे मंगत राम के परिजनों को सोनार टेक्नोलॉजी के उपयोग से कुछ सुराग लगने की उम्मीद बंध गई है।
सोनार के इस्तेमाल के साथ ही पानी में उपयोग किए जाने वाले कैमरे व एक बड़ी चुंबक का उपयोग कार को तलाशने के लिए किया जा रहा है। मुंबई से तीन सदस्यीय दल सोनार व अन्य आधुनिक उपकरणों को साथ शनिवार को चौहड़ा पहुंचा था। रविवार को नंगल से भी चार सदस्यीय एक दल बड़ी चुंबक के साथ चौहड़ा पहुंचा। आठ अक्टूबर को छो नाला के समीप बाथरी क्षेत्र निवासी मंगत राम की कार अनियंत्रित होकर चमेरा जलाशय में डूब गई थी। कार के साथ मंगत राम भी जलाशय में लापता हो गया था। इसके बाद जलाशय में कुछ दिन तक सर्च अभियान चलाने के बाद भी कार व मंगत राम को कोई सुराग नहीं चला था। 17 अक्टूबर को मंगत राम के परिजन जनप्रतिनिधियों के साथ एनएचपीसी के अधिकारियों से मिलकर उनके तलाशने की गुहार लगा चुके हैं।
परिजनों की मांग पर एनएचपीसी द्वारा मुंबई से विशेष प्रशिक्षितों को सोनार, कैमरों व अन्य आधुनिक उपकरणों व नंगल से भी गोताखोरों के दल को यहां बुलाया है। पानी काफी मटमैला व गहरा होने के कारण कामयाबी नहीं मिल पा रही है। पहली बार किया जा रहा सोनार तकनीक का प्रयोग यह पहला मौका है कि जब चमेरा जलाशय में वाहन के साथ डूबे किसी व्यक्ति को तलाशने के लिए सोनार तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। सर्च अभियान में शामिल बनीखेत के ट्रांसपोर्टर इंद्रजीत टंडन ने बताया कि शनिवार से जलाशय में कार व मंगत राम की तलाश की जा रही है।