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पांगी में इंटरनेटर सुविधा का अभाव पड़ रहा भारी

जनजातीय विकास खंड पांगी मुख्यालय किलाड़ में सरकार ने युवाओं की सुवि

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Mar 2021 06:26 PM (IST)Updated: Thu, 11 Mar 2021 06:26 PM (IST)
पांगी में इंटरनेटर सुविधा का अभाव पड़ रहा भारी
पांगी में इंटरनेटर सुविधा का अभाव पड़ रहा भारी

संवाद सहयोगी, पांगी : जनजातीय विकास खंड पांगी मुख्यालय किलाड़ में सरकार ने युवाओं की सुविधा के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) तो खोला है। यहां पर कंप्यूटर, कटिग, टेलरिग सहित इलेस्ट्रेशन ट्रेड शुरू किए गए हैं। लेकिन, संस्थान में आधुनिक तकनीक के कंप्यूटर और इंटरनेट सुविधा न होने के कारण यह औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान प्रिशिक्षुओं के लिए परेशानी का सबब बन गया है। आलम यह है कि प्रशिक्षुओं को करीब सात सौ किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय चंबा में जाकर परीक्षा देनी पड़ेगी। इससे छात्रों को आर्थिक नुकसान और मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

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स्थानीय लोगों रविद्र कुमार, नानक चंद, जगदीश शर्मा, लक्ष्मी ठाकुर, प्रेमबा लामा, ग्याल चंद, टशी छिरिग, रामपाल, चंद्र मणि, एश्वर्या कुमार, कमलेश, सुमित्रा, रूप देई, छिरिग लामो तथा रिजिग कुसम का कहना है कि 1986 में सरकार ने एकल प्रशासन प्रणाली शुरू कर तमाम शक्तियां आवासीय आयुक्त को निहत कर पांगी में विकास कार्यों के साथ आइटीआइ खोलकर घरद्वार पर युवाओं को प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध करवाई थी। उससे पहले पांगी के छात्र-छात्राओं को पांगी से चंबा, सुडंला तथा साहो में परीक्षा देने के लिए जाना पड़ता था। हैरत है कि वर्तमान में भी ऐसे ही हालत होने जा रहे हैं। छात्रों की वार्षिक परीक्षाएं ऑनलाइन करवाई जा रही हैं जो सरहानीय कदम है। लेकिन, इसके लिए इंटरनेट सुविधा का न होना चिता का विषय है। पांगी में बीएसएनएल सहित अन्य बड़ी निजी दूरसंचार कंपनियां क्षेत्र में सेवाएं देने में फेल हो रही हैं।

ब्लॉक कांग्रेस कमेटी पांगी के पूर्व अध्यक्ष सुभाष चौहान, पूर्व प्रधान सुराल दीपक चौहान, पूर्व प्रधान सैचुनाला जवाहर चंद, उपप्रधान किलाड़ सतीश शर्मा, पूर्व जनजातीय सलाहकार समिति के सदस्य पूर्ण चंद, पंचायत समिति के पूर्व उपाध्यक्ष नील चंद ठाकुर, पूर्व धरवास प्रधान देश राज तथा राज बाबू का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने पांगी में आइटीआइ खोलकर युवाओं को सुविधा दी थी। लेकिन, वर्तमान भाजपा सरकार के कार्यकाल में यहां पर डिजिटल इंडिया कामयाब होता नहीं दिख रहा है। पांगी में 4जी की सुविधा मिलती तो प्रशिक्षुओं को सात सौ किलोमीटर दूर चंबा ऑनलाइन आवेदन करने तथा परीक्षाएं देने के लिए न जाना पड़ता।

चंबा की सभी आइटीआइ की परीक्षाएं जिला मुख्यालय में बनने नोडल आइटीआइ परीक्षा केंद्र में ली जा रही हैं। पांगी में इंटरनेट की बेहतर सुविधा नहीं है। जब परीक्षार्थी परीक्षा दे रहे होते हैं तो उस समय नेटवर्क में किसी प्रकार की बाधा नहीं आनी चाहिए। इलेक्ट्रिशियन की परीक्षाएं होनी हैं। उसके लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षुओं को चंबा जाना पड़ेगा।

मंजीत, इंस्ट्रक्टर इलेक्ट्रिशियन ट्रेड आइटीआइ किलाड़।


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