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अंतरराज्यीय रूट पर जल्द दौड़ेंगी एचआरटीसी बसें

प्रदेश की लाइफलाइन कहे जाने वाले हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की चंबा में 152 बसें 153

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 Jun 2021 06:35 PM (IST)Updated: Sun, 27 Jun 2021 06:35 PM (IST)
अंतरराज्यीय रूट पर जल्द दौड़ेंगी एचआरटीसी बसें

प्रदेश की लाइफलाइन कहे जाने वाले हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की चंबा में 152 बसें 153 (अंतरराज्यीय, राज्य व स्थानीय) रूट पर बस सेवा उपलब्ध करवाती हैं। कोरोना के कारण 23 मार्च के बाद देश-प्रदेश सहित चंबा में सब कुछ थम गया था। इससे हर माह ढाई से तीन करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा। वर्तमान में सात लंबे सहित 60 रूट पर लोगों को परिवहन सुविधा दी जा रही है। पहली जुलाई से शुरू होने वाले 11 रूट की प्रपोजल निगम ने परिवहन विभाग को भेज दी है। उम्मीद है जल्द ही इन पर बस सेवा उपलब्ध हो जाएगी। भविष्य की योजना के संबंध में मान सिंह वर्मा ने एचआरटीसी चंबा के क्षेत्रीय प्रबंधक आरएस जम्वाल से बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश..

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-कोरोना काल के दौरान स्थिति सामान्य होने लगी है। कितने रूट संचालित किए जा रहे हैं?

मौजूदा समय में चंबा डिपो से सात लंबे रूट सहित कुल 60 रूट पर बस सेवा संचालित की जा रही है। जरूरत व मांग मुताबित रूट को बढ़ाया जा रहा है। पहली से अंतरराज्यीय रूट पर चलने वाली 11 बसों का भी प्रपोजल निगम ने परिवहन विभाग को भेज दिया है। उम्मीद है मंजूरी मिलते ही सेवा सुचारू हो जाएगी। इनमें दिल्ली जाने वाली दो बसें, हरिद्वार, देहरादून, शिमला वाया बद्दी, शिमला वाया चंडीगढ़, पठानकोट के लिए तीन बसें, एक चंडीगढ़ व मंडी शामिल हैं।

-कुल कितने रूट पर बस सेवा उपलब्ध करवाती है एचआरटीसी?

कोरोना महामारी से पहले सामान्य स्थिति के दौरान की बात करें तो चंबा डिपो से कुल 153 रूटों पर बस सेवा उपलब्ध थी। इनमें 13 अंतरराज्यीय रूट, राज्य व करीब 130 स्थानीय रूट शामिल हैं।

-चंबा में निगम के बेड़े में कुल कितनी बसें हैं?

एचआरटीसी चंबा के बेड़े में कुल 152 बसें हैं। इनमें 39 बसें जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन की हैं। चार लग्जरी बसें शामिल हैं। पिछले पांच से छह साल में बिजली चलित छोटी वैन के सिवाय निगम के बेड़े में कोई नई बस नहीं आई है।

-कोरोना काल के दौरान कितना नुकसान झेलना पड़ा?

एचआरटीसी पहले ही घाटे में है। अब कोरोना महामारी ने गहरे घाटे में धकेल दिया है। इस दौरान अकेले चंबा को दस से 12 करोड़ का घाटा हुआ है। कोरोना की पहली लहर में 22 मार्च से देशभर में घोषित लाकडाउन के दौरान करीब ढाई माह तक सभी गाड़ियां खड़ी रहीं। पहली जून 2020 से 50 फीसदी क्षमता से स्थानीय रूट चल पड़े, लेकिन लंबे रूट फिर भी बंद रहे। अगस्त-सितंबर में स्थिति सामान्य होने पर अंतरराज्यीय रूट पर भी धीरे-धीरे गाड़ियां शुरू हुई तो दूसरी लहर ने रोक लिया।

-एचआरटीसी चंबा में कुल कितने कर्मी सेवारत हैं?

वर्तमान में एचआरटीसी चंबा में कुल 493 कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं। इनमें 204 चालक व 184 परिचालकों के अलावा 100 से अधिक पीसमील व अन्य कर्मी विभिन्न पदों पर सेवाएं दे रहे हैं।

-जब एचआरटीसी पूर्ण क्षमता के साथ दौड़ रही थी तब एक माह में कितना प्रोफिट था?

कोरोना महामारी से पहले चंबा एचआरटीसी की सभी गाड़ियां रूट पर दौड़ती थी तो एक माह में ढाई से करीब तीन करोड़ रुपये की इनकम थी। अगर दिन की बात करें तो आठ से दस लाख रुपये इनकम एचआरटीसी चंबा को होती थी।

-चंबा में बिजली चलित बसों के चलने की कोई उम्मीद?

सरकार ने शिमला, मनाली जैसे क्षेत्रों में बिजली चलित बसों को शुरू किया है। धर्मशाला व अन्य शहरों में भी इन बसों को चलाने का प्लान है। अगर चंबा में बिजली चलित बस सेवा शुरू होती है तो इसमें बचत ज्यादा होने के साथ वातावरण को भी प्रदूषण से बचाया जा सकता है।


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