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किसानों व बागवानों के चेहरे पर रौनक लाई बारिश की बूंदे

मौसम के मेहरबान होने से किसानों व बागवानों के चेहरे खिल गए हैं। चंबा में पहाड़ों में हिमपात व मैदानी क्षेत्रों में बारिश से फसलों को संजीवनी मिली है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Mar 2021 03:45 AM (IST)Updated: Wed, 24 Mar 2021 03:45 AM (IST)
किसानों व बागवानों के चेहरे पर रौनक लाई बारिश की बूंदे
किसानों व बागवानों के चेहरे पर रौनक लाई बारिश की बूंदे

संवाद सहयोगी, चंबा : मौसम के मेहरबान होने से किसानों व बागवानों के चेहरे खिल गए हैं। चंबा में पहाड़ों में हिमपात व मैदानी क्षेत्रों में बारिश से फसलों को संजीवनी मिली है। लंबे सूखे के चलते बारिश की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे खेत-खलिहान में मुरझा रही गेहूं सहित अन्य फसलों में बारिश से जान आ गई है। सेब के पौधों पर इस समय नई कोंपालें आ रही हैं साथ ही फूल भी आ गया है। इस बारिश को सेब की फसल के लिए भी बहुत ही उपयोगी माना जा रहा है। बारिश से तापमान में भी पांच से सात डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है। मंगलवार को भी चंबा में छह से आठ मिलीमीटर तक बारिश रिकार्ड की गई है। सुबह के समय हुई मूसलाधार बारिश के बीच छात्रों को स्कूल व लोगों को कार्यस्थल पहुंचना पड़ा। उधर मौसम विशेषज्ञों की मानें तो चंबा में बुधवार को भी बारिश व हिमपात हो सकता है।

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19 हजार हेक्टेयर में होती है गेहूं की फसल : कृषि विभाग के अनुसार चंबा में 19 हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती की जाती है जिसमें 35 से 37 टन गेहूं का उत्पादन होता है। इस बार सर्दी के मौसम में भरपूर मात्रा में बारिश व बर्फबारी न होने से गेहूं सहित अन्य फसलों एवं सब्जियों के उत्पादन में गिरावट आने की संभावना थी लेकिन अब बारिश होने से कई क्षेत्रों में उत्पादन में बढ़ोतरी हो सकती है।

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बागवानी के लिए भी राहत

चंबा में दो दिन से हो रही बारिश कृषि के साथ बागवानी के लिए भी कुछ राहत ले कर आई। हालांकि इस बार सर्दी के मौसम में भरपूर मात्रा में बर्फबारी व बारिश न होने से इस बार सेब के लिए जरूरी चिलिग ऑवर पूरे नहीं हो पाए हैं। उधर विशेषज्ञों की मानें तो सेब की पहले से चली आ रही विभिन्न तरह की किस्मों के लिए 1600 व इससे अधिक चिलिग ऑवर की जरूरत होती है लेकिन मौजूदा समय में आ रही तरह-तरह की वैरायटी के लिए 800 से 1200 घंटे चिलिग ऑवर भी काफी होते हैं।

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गेहूं के अलावा किसानों की ओर से खेतों में लगाई गई आलू, मटर सहित अन्य फसलों व सब्जियों के लिए यह बारिश काफी फायदेमंद होगी। बारिश होने से असिंचित क्षेत्रों में भी उत्पादन बढ़ सकता है।

-राहुल कटोच, कार्यकारी उपनिदेशक कृषि विभाग चंबा।

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चंबा में 11 हजार हेक्टेयर में सेब की फसल होती है, जिसमें हर वर्ष 31 हजार से अधिक टन उत्पादन संभावित होता है। चिलिग ऑवर पूरे न होने से उत्पादन में कमी आ सकती है। हालांकि चंबा में दो दिन तक हुई बारिश सेब के साथ प्लांटेशन के लिए काफी फायदेमंद होगी।

-सुशील अवस्थी, उपनिदेशक बागवानी विभाग चंबा


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