लोक संस्कृति, परंपरा और रीति-रिवाजों का मेला है फूलयात्रा : जिया लाल
चंबा -आल इंडिया वरिष्ठ सिटीजन फोरम की चंबा जिला यूनिट के प्रधान पीसी ओबराय ने वरिष्ठ नागरिकों की अनदेखी पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि कुछेक विभागों को छोडकर शेष मे वरिष्ठ नागरिकों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। उन्होंने साथ ही कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली सुविधाओं को भी संबंधित विभाग बेहतर तरीके से लागू करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाते। पीसी ओबराय ने कहा कि पहली अक्तूबर को पूरे विश्व में वरिष्ठ नागरिक दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन जिला स्तर पर कल्याण विभाग की ओर से उपायुक्त की अध्यक्षता में कार्यक्त्रम का आयोजन किया जाता है। मगर बडे खेद का विषय है कि इस वर्ष चंबा जिला मुख्यालय में वरिष्ठ नागरिक दिवस पर कोई कार्यक्त्रम का आयोजन ही नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि इस अनदेखी से जिला के वरिष्ठ नागरिकों को खासा आघात लगा है क्योंकि
संवाद सहयोगी, पांगी : घाटी का तीन दिवसीय फूलयात्रा मेला वीरवार को संपन्न हुआ। समापन समारोह में भरमौर- पांगी विस क्षेत्र के विधायक जिया लाल कपूर ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। आयोजन समिति ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। इसके बाद कार्यक्रम का आगाज किया गया। मुख्य अतिथि जिया लाल कपूर ने कहा कि फूलयात्रा पांगी के लोगों का सदियों पुराना मेला है। इसमें पांगी की लोक संस्कृति, परंपरा और रीति-रिवाजों की झलक देखने को मिलती है। उन्होंने इस बात पर चिता जताई कि आज की युवा पीढ़ी नशे एवं पश्चिमी सभ्यता की ओर आकर्षित हो रही है। उन्होंने फूल मेले के सफल आयोजन के लिए सभी को बधाई भी दी। इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों सहित कई गणमान्य भी उपस्थित रहे। जिया लाल ने बताया कि पांगी घाटी में फसलों का काम पूरा होने और शरद ऋतु के आगमन पर सुख-समृद्धि की कामना के लिए हर वर्ष अक्टूबर माह के दूसरे सप्ताह में फूल यात्रा मेले का आयोजन किया जाता है। इस मौके पर करयास, सेरी फटवास, करेल गांव से लोग पारंपरिक परिधान में सज धजकर वाद्य यंत्रों की धुनों के बीच कूफा गांव तक जाते हैं तथा वहां पूजा पाठ करते हैं। तीन दिन तक की इस यात्रा में लोग एक-दूसरे को सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। इस मौके पर बाहर से आए व्यापारियों की ओर से दुकानों को सजाया जाता है, जहां लोग सर्दियों से बचने के लिए गर्म वस्त्रों को खरीदते हैं। क्योंकि यहां बर्फबारी के बाद छह से सात माह तक पांगी मुख्यालय का संपर्क दुनिया से कटा रहता है। इस दौरान केवल हवाई यात्रा से ही पांगी तक पहुंचा जा सकता है।