Move to Jagran APP

घर-घर जाकर खोजे जाएंगे टीबी के मरीज

मेडिकल कॉलेज चंबा के सभागार में वीरवार को रिजर्वड नेशनल टीबी कंट्रोल प्रोग्राम (आरएनटीसीपी) के तहत वीरवार को समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता मेडिकल कॉलेज चंबा के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनोद शर्मा ने की। बैठक में टीबी के खात्मे को लेकर उपस्थित अधिकारियों तथा कर्मचारियों ने अपने विचार रखे। इस दौरान जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. जालम भारद्वाज द्वारा टीबी रोग के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। साथ ही 16 से 30 नवंबर तक चलने वाले क्षय रोग जागरूकता पखवाड़े को लेकर भी चर्चा की गई तथा आगामी रणनीति तैयार की गई। इस दौरान स्वास्थ्य टीमें घर-घर

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 05:07 PM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 06:18 AM (IST)
घर-घर जाकर खोजे जाएंगे टीबी के मरीज
घर-घर जाकर खोजे जाएंगे टीबी के मरीज

संवाद सहयोगी, चंबा : मेडिकल कॉलेज चंबा के सभागार में वीरवार को रिज‌र्व्ड नेशनल टीबी कंट्रोल प्रोग्राम (आरएनटीसीपी) के तहत वीरवार को समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता मेडिकल कॉलेज चंबा के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनोद शर्मा ने की। बैठक में टीबी के खात्मे को लेकर उपस्थित अधिकारियों तथा कर्मचारियों ने अपने विचार रखे। इस दौरान जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. जालम भारद्वाज द्वारा टीबी रोग के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। साथ ही 16 से 30 नवंबर तक चलने वाले क्षय रोग जागरूकता पखवाड़े को लेकर भी चर्चा की गई तथा आगामी रणनीति तैयार की गई। इस दौरान स्वास्थ्य टीमें घर-घर जाकर लोगों में क्षय रोग के लक्षण जांचेगी तथा छिपे हुए केस की तलाश करेगी। यदि इस रोग के लक्षण किसी व्यक्ति में पाए जाते हैं तो उनका जल्द से जल्द उपचार शुरू करवा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि टीबी की बीमारी लाइलाज नहीं है। इसका इलाज संभव है और सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में टीबी का नि:शुल्क इलाज होता है। उन्होंने बताया कि टीबी को लेकर फैली भ्रांतियों का निवारण भी किया जाए। बैठक में टीबी रोग के लक्षणों के बारे में भी बताया। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सरकार के टीबी मुक्त अभियान को सफल बनाने में सहयोग करें। लोग टीबी की बीमारी को अनदेखा न करें, बल्कि तुरंत उपचार शुरू करवाएं। उन्होंने कहा कि इलाके में किसी भी व्यक्ति में इस बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में उपचार करवाएं। उन्होंने कहा कि भारत में प्रति मिनट दो व्यक्ति संक्रमण के कारण टीबी के शिकार हो जाते हैं। थूक से प्रतिवर्ष 10 से 15 व्यक्तियों के संक्रमित होने की संभावना होती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य है कि रोगी की सुविधा के अनुसार समय और स्थान तय करके, स्वास्थ्य प्रबंधक की सीधी देखरेख में उसका इलाज करवाना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने टीवी के लक्षणों पर प्रकाश डालते कहा कि टीवी मुख्य रूप से बुखार, छाती में दर्द, भूख न लगना, वजन का घटना व खांसी में खून आने के साथ होता है। उन्होंने कहा कि इसकी पहचान हो जाने पर जल्द से जल्द नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करना चाहिए और इसका उपचार शुरू कर देना चाहिए।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.