पांगी को अलग विधानसभा क्षेत्र बनाया जाए
जनजातीय क्षेत्र पांगी को अलग विधानसभा क्षेत्र बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। सोमवार को जिला मुख्यालय चंबा के इरावती होटल परिसर में आयोजित पांगी कल्याण संघ की बैठक में भी संघ सदस्यों ने पांगी को अलग विधानसभा क्षेत्र बनाने की मांग की।
संवाद सहयोगी, चंबा : जनजातीय क्षेत्र पांगी को अलग विधानसभा क्षेत्र बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। सोमवार को जिला मुख्यालय चंबा के इरावती होटल परिसर में आयोजित पांगी कल्याण संघ की बैठक में भी संघ सदस्यों ने पांगी को अलग विधानसभा क्षेत्र बनाने की मांग की।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए पांगी कल्याण संघ के प्रधान भगत बड़ोतरा ने कहा कि अपना विधानसभा क्षेत्र न होने से पांगी घाटी विकास के क्षेत्र में हर रोज पिछड़ रही है। सर्दी के मौसम में छह माह तक देश व प्रदेश से कटे रहने वाले जनजातीय क्षेत्र पांगी की इस समस्या को हल करने के लिए सरकार की ओर से आज तक कोई भी उचित कदम नहीं उठाए गए हैं।
गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों के अलावा गर्भवती महिलाओं को हवाई सेवा का लाभ न मिल पाने से इलाज के बिना जीवन से हाथ धोना पड़ रहा है। सरकार घाटी की समस्या के समाधान के लिए गंभीर नहीं है। ऐसे में जनजातीय क्षेत्र पांगी को अलग विधानसभा क्षेत्र बनाया जाए ताकि स्थानीय विधायक होने के चलते क्षेत्र की जनता की समस्याओं को समझते हुए उनके समाधान के लिए प्रयास कर सकें।
पांगी घाटी कल्याण संघ सदस्यों का कहना है कि यह पांगी की जनता का दुर्भाग्य रहा कि वर्ष 1952 से 67 तक जनजातीय क्षेत्र पांगी को चुराह राजनगर विधानसभा क्षेत्र में रखा गया। अब घाटी की चार पंचायतों को लाहुल स्पीति विधानसभा क्षेत्र में मिलाने के साथ अन्य पांगी घाटी की पंचायतों को भरमौर विधानसभा क्षेत्र में मिला दिया गया। जनजातीय क्षेत्र पांगी का रहन-सहन व भाषा के अलावा रीति रिवाज जरा भी भरमौर के साथ मेल नहीं खाता। ऐसे में पांगी को भरमौर विधानसभा क्षेत्र से मिलाना दुर्भाग्यपूर्ण रहा। संघ सदस्यों ने चुनाव आयोग का प्रस्ताव भेज कर पांगी को अलग जनजातीय क्षेत्र बनाने की मांग की है।