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चौरासी जातर मेले में पारंपरिक लोक नृत्य की झलक

चौरासी परिसर में करीब तीन हजार लोग पहुंच चुके थे, जिसमें लगातार बढ़ोतरी शाम तक होती रही।

By Edited By: Published: Sun, 09 Sep 2018 07:28 PM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 01:59 PM (IST)
चौरासी जातर मेले में पारंपरिक लोक नृत्य की झलक
चौरासी जातर मेले में पारंपरिक लोक नृत्य की झलक

संवाद सहयोगी, भरमौर : चौरासी मंदिर परिसर में रविवार को देव जातर मेले का आयोजन किया गया। मेले में सैकड़ों स्थानीय लोगों ने मौजूदगी दर्ज करवाई। इस मौके पर स्थानीय गद्दी समुदाय के महिला व पुरुषों ने देव वाद्ययंत्रों की धुन पर लोक नृत्य किया। सुबह से ही चौरासी मंदिर परिसर में भीड़ जुटना शुरू हो गई थी। दोपहर तक काफी संख्या में लोग उमड़ आए। दिनभर यहां गद्दी समुदाय के लोगों ने वाद्ययंत्रों की धुन पर नृत्य किया।

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भरमौर क्षेत्र के दूरदराज की पंचायतों बजोल, क्वारसी, होली, सांह, उलांसा, रणुहकोठी, कूंर, छतराड़ी, औरा, तुंदाह, बड़ग्रां, कुगति, चोबिया आदि से सुबह ही बसों, निजी वाहनों व टैक्सियों के माध्यम से लोग भरमौर पहुंचे। दोपहर तक चौरासी परिसर में करीब तीन हजार लोग पहुंच चुके थे, जिसमें लगातार बढ़ोतरी शाम तक होती रही। पंचायत प्रधान भरमौर सलोचना कपूर ने कहा कि देव जातर दोपहर बाद तीन बजे मंदिर से शुरू होकर परिसर के कला मंच पर पहुंची।

मुख्य छड़ी काहरी राम व छज्जू राम शर्मा प्राचीन देव छड़ियों को लेकर मंदिर के गर्भगृह से चौरासी मंदिर के कला मंच तक पहुंचे व यहां छड़ियों को स्थापित कर जातर शुरू की। इसके बाद स्थानीय गद्दी समुदाय के महिला व पुरुषों ने देव वाद्ययंत्रों की धुन पर लोक नृत्य किया। यह कार्यक्रम शाम सात बजे तक आयोजित किया गया। करीब पांच सौ से अधिक महिला व पुरुषों ने पारंपरिक परिधान में लोक नृत्य किया। सलोचना कपूर ने कहा कि पारंपरिक परिधान में पहुंचने वाले महिला व पुरुषों को पंचायत सम्मानित करेगी।


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