सालाना सौ के ऊपर रहता है सड़क हादसों में मरने वालों का आंकड़ा
मिथुन ठाकुर, चंबा जिला की सर्पीली सड़कों पर हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा
मिथुन ठाकुर, चंबा
जिला की सर्पीली सड़कों पर हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। सालाना तौर पर जिला के मुख्य सहित संपर्क मार्गों पर होने वाले हादसों में मरने वालों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। चंबा जिला की सर्पीली सड़कों ने तीन वर्ष में 318 हादसों में 223 लोगों को लील लिया। वहीं, 609 से ज्यादा घायल हुए। चंबा जिले की इन सड़कों ने इन परिवारों को कभी न मिटने वाले जख्म दे दिए। जिला की भौगोलिक स्थिति के कारण सड़कों की दशा कुछ इस तरह की है कि चालक की लाख कोशिशों के बावजूद एक पल की लापरवाही उसकी जान पर भारी पड़ जाती है।
यह बात महज 2017 की ही नहीं है, बीते सालों में भी सड़क हादसों में जान गंवाने वालों का आंकड़ा 100 के आसपास रहता ही है। इन सभी हादसों के लिए जिला की सर्पीली सड़कें जिम्मेदार हैं या फिर मानवीय भूल। इसका पता लगाने के लिए प्रशासन की ओर जांच बैठाई जाती है, लेकिन मामला ठंडा पड़ने के बाद सब भूला दिया जाता है।
यदि जिला की सड़कों की बात की जाए तो कई स्थानों पर ये सड़कें इतनी तंग हैं कि जरा सी चूक और गाड़ी खाई में समा जाती है। हालांकि लोक निर्माण विभाग की ओर से सड़कों पर हादसे रोकने के लिए क्रैश बैरियर लगवाए जा रहे हैं। लेकिन ये क्रैश बैरियर भी कम पड़ रहे हैं, जबकि अधिकतर हादसों में मानवीय भूल ही सामने आती है।
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वर्ष 2015 से अब तक हुए इतने हादसे
वर्ष,हादसे,मृतक,घायल
2015,115,88,169
2016,127,94,244
2017,75,40,191
कुल,317,222,604
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दुर्घटना के अधिकतर हादसे मानवीय भूल के कारण होते हैं। लोगों को जागरूक करने के लिए पुलिस समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाती है। लोगों को समझना होगा बचाव में ही समझदारी है।
-वीरेंद्र ¨सह ठाकुर, एएसपी, चंबा।