264 पंचायतें ब्रॉडबैंड सुविधा से महरूम
केंद्र सरकार का डिजिटल इंडिया का सपना चंबा में अधूरा नजर आ रहा है
संवाद सहयोगी, चंबा : केंद्र सरकार का डिजिटल इंडिया का सपना चंबा में अधूरा नजर आ रहा है। जिला की कई दुर्गम पंचायतों में अभी भी उचित दूरसंचार एवं सिग्नल सुविधा उपलब्ध नहीं है। इस कारण ग्रामीणों को इंटरनेट सुविधा से वंचित ही रहना पड़ रहा है। हैरानी की बात है कि अत्याधुनिक संचार सुविधाओं से लैस पंचायत भवन की स्थापना करने की योजना यहां अधर में ही है। इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि चंबा की 283 पंचायतों में वर्तमान में केवल 19 पंचायतों में ही ब्राडबैंड की सुविधा है, ऐसे में 264 पंचायतों में ऑनलाइन कार्य निपटाने के लिए डोंगल का सहारा लेना पड़ रहा है। जिला की अतिदुर्गम पांगी घाटी की एक भी पंचायत में ब्राडबैंड की सुविधा नहीं है। ऐसे में यहां ऑनलाइन कामकाज प्रभावित होता है। इसके चलते जिला की एक भी पंचायत में ई-गर्वर्नेस सुविधा को लागू नहीं हो पाया है। जिले की 15 पंचायतों को ही आदर्श पंचायतों का दर्जा मिल पाया है। विकास खंड मैहला व भरमौर की एक भी पंचायत को आदर्श पंचायत का दर्जा नहीं मिल पाया है। चंबा प्रदेश का दुर्गम जिला है। ऐसे में यहां कुछ व्यवस्थाएं ठीक नहीं है। जिले में कुछ समय में पंचायत भवनों का कार्य पूरा हो पाया है। चंबा में सिर्फ एक ही पंचायत ऐसी है, जिसके पास अपना भवन नहीं है। अन्य पंचायतों को भवन उपलब्ध हो गया है।
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इन पंचायतों में है ब्रॉडबैंड सुविधा
जिला की कुछेक पंचायतों में ही ब्रॉडबैंड सुविधा है। उन पंचायतों में हरीपुर, राजपुरा, सरोल, मसरूंड, द्रम्मण, साहो, करियां, मैहला, जांघी, सलूणी, ब्रंगाल, भरमौर, संचूई, खनी, पूलन, चलामा, ककीरा कस्बा व सिहुंता शामिल है।
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इन्हें मिला आदर्श पंचायत का दर्जा
जिले में कई पंचायतों को आदर्श पंचायतों का दर्जा भी मिला है। इनमें हरिपुर, सरोल, द्रमण, द्रहडा, चीलबंगला, साच, कोहलड़ी, भलेई, सूरी, खजुआ, चांजू, भराड़ा, झझाकोठी, परछोड़ कुडनू शामिल है।
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जिले में अधिकतर पंचायतों में ब्रॉडबैंड की सुविधा न होने के कारण दिक्कत पेश आ रही है। ऐसे में एक भी पंचायत में ई-गवर्नेस लागू नहीं हो पाया है। प्रसास किए जा रहे हैं कि चंबा की पंचायतों को हर सुविधा मिल सके।
- अश्वनी कुमार, जिला पंचायत अधिकारी, चंबा।