लॉकडाउन का असर, प्रदूषण मुक्त हुई खजियार झील
लॉकडाउन ने जहां लोगो को कोरोना संक्रमण से बचाया वहीं इससे पर्यावरण भी काफी शुद्ध हुआ है।
सुरेश ठाकुर, चंबा
लॉकडाउन ने जहां लोगो को कोरोना संक्रमण से बचाया, वहीं इससे पर्यावरण भी काफी शुद्ध हुआ है। प्रदूषित हो चुकी झीलें, नदियों व हवा में फैला प्रदूषण काफी हद तक कम हुआ है। चंबा जिले की प्रसिद्ध खजियार झील स्वच्छ हो गई है। इसका खुलासा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पिछले तीन माह में लिए गए सैंपलों से हुआ है। तीन महा में विभाग द्वारा जो भी सैंपल लिए गए हैं, वे सभी पास पाए गए हैं। जबकि इससे पहले जो भी सैंपल लिए जाते थे वे फेल हो जाते थे।
जिस झील में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार व प्रशासन जद्दोजहद करते रहे पर नाकाम रहे, उसी खजियार झील का पानी अब निर्मल हो गया है। इसके पानी को निर्मल बनाने में किसी एजेंसी या सरकार ने कोई काम नहीं किया है बल्कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण ऐसा हुआ है। मालूम हो कि खजियार मैदान में मौजूद यह झील पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है लेकिन धीरे- धीरे झील का पानी गंदा होने लगा था, जिससे न केवल पर्यटकों पर इसका बुरा असर पड़ रहा है अपितु झील में मौजूद जीवों पर भी संकट मंडराने लगा था। लिहाजा लॉकडाउन के कारण खजियार में पर्यटकों के न आने व होटल-ढाबे पूरी तरह से बंद होने के कारण यहां पर गंदगी नहीं फैली जिस कारण झील का पानी स्वच्छ हो गया।
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500 मीटर के दायरे में नालियों में लगे ब्रश वुड
खजियार झील को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए वन्य प्राणी विभाग ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके तहत झील के 500 मीटर के दायरे में बनी नालियों में ब्रश वुड लगाए जा रहे हैं। इससे नालियों के माध्यम से गंदगी झील में नहीं पहुंचेगी। पानी के साथ आने वाले कूड़े को ब्रश वुड रोक देगा। बारिश के दौरान जंगल के रास्ते गले-सड़े पेड़ों के पत्ते, टहनियां और अन्य कूड़ा नालियों के जरिये झील में पहुंचता था। इसकी वजह से झील में गाद और मलबा भर रहा था। इससे झील का दायरा भी सिकुड़ रहा था। झील के अस्तित्व को बचाने के लिए वन्य प्राणी विभाग की ओर से यह कदम उठाया गया है। प्रदूषण मुक्त हुआ क्षेत्र
लॉकडाउन में पर्यटकों व वाहनों की आवाजाही बंद होने का यह असर देखने को मिला कि मिनी स्विटजरलैंड पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त हो गया है। आम दिनों की तरह अब झील में कचरा तैरता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। साथ ही यहां हरे-भरे वन क्षेत्र का भी सौंदर्य निखर गया है।
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दो हेक्टेयर क्षेत्र में फैली झील
चंबा व डलहौजी के मध्य क्षेत्र में समुद्रतल से 1920 मीटर की ऊंचाई पर स्थित खजियार झील करीब दो हेक्टयेर क्षेत्र में फैली हुई है। पिछले सालों में दूषित हो चुकी यह झील अब अपने पुराने स्वरूप में लौटने लगी है।
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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कोरोना के समय जितने भी खजियार झील से पानी के सैंपल लिए गए हैं, वे सभी पास पाए गए हैं। इससे पहले के सभी सैंपल फेल ही आते थे। सैंपल पास होने का मतलब है कि अब खजियार झील का पानी पूरी तरह से स्वच्छ है।
-राहुल शर्मा, कनिष्ठ अभियंता प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड चंबा
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लॉकडाउन के दौरान खजियार में होटल बंद होने व पर्यटक न आने के कारण झील में गंदगी न पड़ने के कारण पानी पूरी तरह से स्वच्छ हो गया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा लिए गए सैंपलों की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। वहीं झील की गाद निकालने के लिए बजट स्वीकृत हुआ है। यह कार्य विज्ञानियों की देखरेख में तीन चरणों में किया जाएगा।
-राजीव कुमार, डीएफओ वन्य प्राणी विभाग मंडल चंबा