जिले में पोल्ट्री और पोल्ट्री उत्पादों के लाने पर प्रतिबंध
बर्ड फ्लू के दृष्टिगत जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। जिलावासियों को इस वायरस से बचाने के लिए प्रशासन ने कुछ सख्त निर्णय लिए हैं।
जागरण संवाददाता, चंबा : बर्ड फ्लू के दृष्टिगत जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। जिलावासियों को इस वायरस से बचाने के लिए प्रशासन ने कुछ सख्त निर्णय लिए हैं। इसके तहत आगामी सात दिन तक पोल्ट्री और पोल्ट्री उत्पादों के जिला में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। सलूणी में 20 मुर्गियों की अचानक मौत हो जाने के बाद एहतियात के तौर पर हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मुर्गियों की मौत की वजह क्या रही है। रिपोर्ट आने के बाद ही इस बारे में पता चल पाएगा।
उपायुक्त एवं जिला मजिस्ट्रेट डीसी राणा ने इस संबंध में बुधवार को आदेश जारी किए हैं। आदेश में जिला पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि जिला की सीमा के सभी एंट्री प्वाइंट पर विशेष निगरानी बरती जाए ताकि बाहर से पोल्ट्री और पोल्ट्री उत्पाद सात दिन तक जिले में न लाए जा सकें।
उधर जिलेभर में रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) ने पोल्ट्री फार्मो का निरीक्षण किया। साथ ही 74 सैंपल भी एकत्रित किए। इन सैंपलों को जांच के लिए आरडीडीएल लैब जालंधर भेजा जाएगा। रिपोर्ट आने के बाद ही विभाग अगली रणनीति तैयार करेगा। सैंपल की रिपोर्ट आने में एक सप्ताह का समय लग सकता है। टीम ने लोगों को भी बर्ड फ्लू से निपटने के लिए उचित दिशा निर्देश दिए। साथ ही लोगों से आह्वान किया कि कुछ समय तक पोल्ट्री उत्पादों का सेवन करने से परहेज करें।
बर्ड फ्लू के प्रवेश को रोकने के लिए विभाग ने उपमंडलस्तर पर पांच-पांच आरआरटी (रैपिड रिस्पांस टीमों) का गठन कर दिया है, जो क्षेत्र में पूरी निगरानी रखेंगी। प्रशासन के निर्देशानुसार विभाग की ओर से जिले के प्रवेशद्वार हटली, लाहड़ू़ और नैणीखड्ड में चेक स्थापित कर दिए गए हैं।
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थोक में 70 रुपये किलो चिकन, फिर भी खरीदार नहीं
बर्ड फ्लू ने सर्दियों में भी चिकन के कारोबार को तगड़ा झटका दे डाला है। कोरोना संकट से पहले ही जूझ रहे लोग अब बर्ड फ्लू की दस्तक से घबराए हुए हैं। बर्ड फ्लू के खौफ से चंबा में चिकन और अंडों की डिमांड तेजी से घट रही है। मांग में 50 से 70 फीसद की कमी आने से चिकन के दाम औंधे मुंह गिर गए हैं। दामों में भारी गिरावट के बावजूद लोग चिकन और अंडों का सेवन करने से फिलहाल परहेज कर रहे हैं। पोल्ट्री का कारोबार करने वाले व्यापारियों के व्यवसाय पर इसका असर साफ दिख रहा है।
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अन्य राज्यों से आने वाली पोल्ट्री आपूर्ति पर नजर बनाए रखने के लिए कहा गया है। अगर किसी में लक्षण दिखते हैं, तो इसकी जांच करवाई जाएगी। इसके अलावा रैंडम सैंपलिग भी करवाई जाएगी। पशुपालन विभाग ने इस संदर्भ में व्यवस्था तैयार की दी है।
-राजेश सिंह, उपनिदेशक पशुपालन विभाग चंबा
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पोल्ट्री फार्म में चूहे-नेवले न पाएं प्रवेश
कांगड़ा जिला में बर्ड फ्लू का मामला सामने आने के बाद पशुपालन विभाग ने जिला चंबा के मुर्गी पालकों के लिए एडवाजरी जारी की है। इस संबंध में पशुपालन विभाग ने आदेश दिए हैं कि फार्म व बाड़े में जाने के लिए मुर्गी पालक अलग से कपड़ों तथा जूतों का इस्तेमाल करें। फार्म व बाड़े के बाहर फुटपाथ बनाएं। इसमें फिनायल अथवा अन्य कीटाणुनाशक घोल का प्रयोग करें। फार्म व बाड़े में जाने से पहले साबुन से हाथ धोएं। फार्म के चारों तरफ नियमित रूप से चूने का छिड़काव करें। फार्म में पड़े छिद्रों को बंद करें, जिनमें चूहे व नेवले अंदर प्रवेश न कर सकें। फार्म व बाड़े के चारों ओर उगी ऊंची झाड़ियां व ऊंचे पेड़ों की टहनियों को काट दें ताकि इसमें कौवे, चील व गिद्ध जैसे मांसाहारी पक्षी न बैठे सकें।
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ये सावधानियां बरतें
- अपने हाथों को गुनगुने पानी और साबुन से धोएं, विशेष रूप से कच्चे चिकन और अंडों को छूने के बाद।
- कच्चे चिकन को धोने और पकाने के लिए एक अलग बर्तन का इस्तेमाल करें। चिकन को तब तक पकाएं जब तक वो अच्छे से उबल न जाए।
-जिंदा मुर्गो और पोल्ट्री पक्षियों से सीधे संपर्क से बचें।
-जिंदा जानवरों वाले बाजार, पोल्ट्री या फार्म पर भी जाने से बचें। अगर वहां जाना आपकी मजबूरी है, तो पूरा वक्त मास्क पहनें।
- किसी मृत पक्षी या फिर पक्षी के मल को हाथ न लगाएं।
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ये हैं बर्ड फ्लू के लक्षण
बर्ड फ्लू होने पर कफ, डायरिया, बुखार, सांस से जुड़ी दिक्कत, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पेट दर्द, उल्टी, निमोनिया गले में खराश, नाक बहना, बेचैनी, आंखों में इंफेक्शन जैसी समस्या हो सकती है। अगर आपको लगता है कि आपको बर्ड फ्लू हो सकता है तो किसी और के संपर्क में आने से पहले डाक्टर को दिखाएं।