चंबा-भरमौर एनएच पर मैहला में जर्जर पहाड़ बना चुनौती
चंबा-भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग को चौड़ा करने के लिए मैहला के समीप की गई ब्लास्टिंग से पहाड जर्जर हो गया है।
कमल ठाकुर, मैहला
चंबा-भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग को चौड़ा करने के लिए मैहला के समीप की गई ब्लास्टिग से पहाड़ जर्जर हो गया है। इस कारण वाहन चालकों, यात्रियों व राहगीरों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। आलम यह है कि इस स्थान पर किसी भी समय भूस्खलन होने से पत्थर गिरने लगते हैं। इस जगह कई बार भूस्खलन भी हो चुका है जिसकी चपेट में आने से वाहन चालक बाल-बाल बचे हैं।
मैहला में इस समस्या का हल करवाने के लिए लोगों द्वारा कई बार संबंधित एनएच प्राधिकरण सहित प्रशासन से भी गुहार लगाई जा चुकी है। इसके बावजूद अभी तक समस्या का स्थायी समाधान होता नहीं दिख रहा है। इस मार्ग को चौड़ा करने के लिए गत वर्ष नवंबर में ब्लास्टिग की गई थी। इस दौरान भारी मात्रा में मलबा व पत्थर मार्ग पर गिरने के कारण इसका नामोनिशान तक मिट गया था। इसके बाद मार्ग को बहाल तो कर दिया गया लेकिन अभी तक खतरा पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। हाल ही में बारिश के दौरान यहां पर एक बार फिर भारी भूस्खलन हो गया था। इस कारण लोगों को सड़क के दूसरे हिस्से में पहुंचने के लिए करीब एक से डेढ़ किलोमीटर पहाड़ी चढ़नी पड़ी थी। मार्ग पर एक बार जब भूस्खलन हुआ तो उसमें नीचे मार्ग से गुजर रहा तेल का एक टैंकर हादसे का शिकार होने से बाल-बाल बचा था। वहीं, करीब एक सप्ताह पूर्व एक बाइक भी पत्थरों की चपेट में आई थी। गनीमत यह रही कि बाइक सवार समय रहते भाग खड़े हुए। यदि ऐसा नहीं होता तो कोई अनहोनी हो सकती थी।
मार्ग को चौड़ा करने के लिए की गई ब्लास्टिग के बाद उक्त स्थान पर हमेशा भूस्खलन का खतरा मंडराता रहता है। समय रहते समस्या का हल नहीं किया गया तो आने वाले समय में कोई अनहोनी हो सकती है।
करनैल भारद्वाज, स्थानीय निवासी। मैहला के समीप ब्लास्टिग के कारण पहाड़ जर्जर हो चुका है। इस समस्या का हल करवाने को लेकर कई बार संबंधित विभाग व प्रशासन से मांग की जा चुकी है। अभी तक इस दिशा में सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई है।
कृष्ण वशिष्ट, स्थानीय निवासी। मार्ग को चौड़ा करने के लिए कार्य किया जाना सही है। हालांकि इस बात का ध्यान रखा जाना जरूरी था कि वाहन चालकों व आम लोगों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
राज सिंह ठाकुर, स्थानीय निवासी। लोगों की समस्या को ध्यान में रखते हुए मैहला में लोगों का काफी अधिक समय बर्बाद हो रहा है। ब्लास्टिग के बाद तीन से चार घंटों तक मार्ग खुलने के लिए इंतजार करना पड़ता है। इसलिए सुरक्षा से संबंधित कार्य जल्द करवाया जाए। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो कोई हादसा हो सकता है।
बिट्टू पुजारी, स्थानीय निवासी।
सरकार व प्रशासन से इस समस्या को प्रमुखता से उठाया गया है। अभी तक न तो स्थानीय विधायकों, प्रशासन व न ही सरकार की ओर से इस विषय में सकारात्मक कदम उठाए गए हैं जो निराशाजनक है। यदि यहां पर कोई हादसा होता है तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन, विभाग व सरकार की होगी।
अमित भरमौरी, सचिव, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी।
पठानकोट-चंबा-भरमौर एनएच को चौड़ा करने के उद्देश्य से कार्य किया जा रहा है। यह मामला ध्यान में है। यहां पर सुरक्षा से संबंधित कार्य को जल्द से जल्द करवाने की कोशिश रहेगी।
राजीव शर्मा, अधिशाषी अभियंता, एनएच मंडल चंबा।