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दो साल में 200 आग की घटनाएं, 10 जानें भी गई

दो साल के दौरान जिला के विभिन्न क्षेत्रों में घटी 200 से अधिक आग की घटनाएं हुई हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 08:00 AM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 08:00 AM (IST)
दो साल में 200 आग की घटनाएं, 10 जानें भी गई
दो साल में 200 आग की घटनाएं, 10 जानें भी गई

संवाद सहयोगी, चंबा : दो साल के दौरान जिला के विभिन्न क्षेत्रों में घटी 200 से अधिक आग की घटनाओं से करीब दो करोड़ की संपत्ति राख हो गई है। वहीं, अग्निशमन विभाग की मुस्तैदी ने 15 करोड़ की संपत्ति को जलने से बचाया है। 10 से अधिक अनमोल जिदगियां भी आग की चपेट में आई हैं।

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आग की घटनाओं के ज्यादा मामले चुराह, सलूणी व भरमौर क्षेत्र में सामने आए हैं। दुर्गम क्षेत्र होने के चलते इन क्षेत्रों में आग की घटनाएं सामने आने पर अग्निशमन की गाड़ियां भी समय पर नहीं पहुंच पाती। साथ ही कई क्षेत्र ऐसे भी हैं, जो सड़क से काफी दूर हैं। लिहाजा इन क्षेत्रों में अग्निशमन की गाड़ियां पहुंच पाना संभव नहीं है।

इन क्षेत्रों में सामने आ रही आग की घटनाओं पर काबू पाना भी काफी मुश्किल हो जाता है। दो साल में घटी आग की घटनाओं पर नजर दौड़ाएं तो चुराह व सलूणी क्षेत्र में ही 115 से अधिक घटनाएं घटी हैं। भरमौर में 55 व चंबा सहित इसके अन्य क्षेत्रों में करीब 30 स्थानों पर आग की घटनाएं घटी हैं। आग की ज्यादातर घटनाएं शार्ट सर्किट व घर में जलाने के लिए जमा की गई सूखी लकड़ी के साथ घास-फूंस में उठी चिगारी से घटी हैं। कई स्थानों पर जंगलों में लगी आग घरों तक पहुंची है। कई तंग स्थानों पर नहीं पहुंच पाती अग्निशमन विभाग की गाड़ी

शहर व इसके साथ लगते मोहल्लों के गली चौराहों जैसे तंग स्थानों पर अग्निशमन विभाग की गाड़ी नहीं पहुंच पाती। ऐसे में इन स्थानों पर आग की घटना सामने आने पर उस पर काबू पाना काफी मुश्किल हो जाता है। शहर के हर मोहल्ले में कुछ दूरी पर हाइड्रेंट का होना आवश्यक है, ताकि इस तरह की आपात स्थिति में इसका इस्तेमाल कर आग पर जल्द काबू पाया जा सके। ग्रामीण क्षेत्रों में आग जैसी घटना सामने आने पर विभाग की गाड़ी पहुंचने में काफी समय लगता है। कुछ क्षेत्र अब भी सड़क से नहीं जुड़ पाए हैं। ऐसे क्षेत्रों में आग की घटना सामने आने पर ग्रामीण अपने स्तर पर मिट्टी डालने के साथ बाल्टियों में पानी भरकर या अन्य तरीकों से आग पर काबू पाने का प्रयास करते हैं। चंबा शहर में 80 प्रतिशत हाइड्रेंट बेकार

आग की घटनाओं को लेकर राजाओं के समय से ही चंबा शहर को काफी संवेदनशील माना गया है। यही कारण है कि यहां करीब 103 हाइड्रेंट हैं। इनमें से 80 प्रतिशत हाइड्रेंट कार्य नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा 13 नए हाइड्रेंट भी स्थापित किए गए हैं। जो पूरी तरह से गतिशील हैं। इसके साथ ही नए हाइड्रेंट स्थापित करने व पुराने की मरम्मत करने के लिए विभाग की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं।

दो वर्ष में जिला में 200 से अधिक आग की घटनाएं सामने आई हैं। इनमें दो करोड़ से अधिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा है, जबकि 15 करोड़ से अधिक की संपत्ति को बचाया गया है। आग की घटना से निपटने के लिए विभाग 24 घंटे मुस्तैद रहता है। फायर सीजन में जरूरी कार्य को छोड़ कर्मचारियों की छुट्टियां भी रद कर दी हैं।

-गोपाल दास, जिला अग्निशमन अधिकारी चंबा


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