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छाती का हर दर्द हृदयाघात नहीं

जागरण संवाददाता, चंबा : छाती का हर दर्द हृदयघात नहीं होता है और छाती में दर्द न होना हृदयाघात न होने

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Dec 2017 05:31 PM (IST)Updated: Wed, 13 Dec 2017 05:31 PM (IST)
छाती का हर दर्द हृदयाघात नहीं
छाती का हर दर्द हृदयाघात नहीं

जागरण संवाददाता, चंबा : छाती का हर दर्द हृदयघात नहीं होता है और छाती में दर्द न होना हृदयाघात न होने की गारंटी नहीं होती है। आमतौर पर छाती में दर्द उठने पर लोग हृदयाघात की संभावनाओं की वजह से परेशान हो जाते हैं, जबकि सीने का दर्द अन्य बीमारियों का भी लक्षण होता है। छाती के दर्द के पेट में अल्सर, गैस और टीबी जैसे रोग भी कारक हैं। हालांकि छाती के दर्द को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। छाती में दर्द होने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।

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दैनिक जागरण के सिटी कार्यालय चंबा में मंगलवार को हैलो जागरण कार्यक्रम के दौरान पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज चंबा के हृदय रोग विशेषज्ञ एवं शल्य चिकित्सक विभागाध्यक्ष जरनल सर्जरी डॉ. मुकंद लाल शर्मा ने कहा कि कई बार मरीज इसे एसिडिटी समझकर अनदेखा करते हैं या हृदयाघात मानकर परेशान हो जाते हैं। हृदयाघात के सभी मामलों में से 25 प्रतिशत साइलेंट हृदयघात के मामले होते हैं। साइलेंट हृदयघात से मरीज की मौत भी हो सकती है। साइलेंट हृदयाघात घातक होता है, इसीलिए इसके लक्षण जानना बहुत जरूरी है। जब भी कोई लक्षण पाया जाए तो चिकित्सीय सलाह लेनी चाहिए। कार्यक्रम के दौरान दूरभाष पर भरमौर, तीसा, पुखरी, साहो, चंबा व जुम्महार के 43 लोगों ने हृदय रोग सहित पत्थरी की बीमारी पर पाठकों को उन्होंने सुझाव दिए।

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स्वास्थ्य जांच के लिए पहुंचे 12 लोग

चंबा कार्यालय में आयोजित हैलो जागरण कार्यक्रम में डॉ. मुकंद लाल शर्मा ने 12 लोगों के स्वास्थ्य की जांच की। साथ ही उन्हें मेडिकल कॉलेज चंबा में जाकर टेस्ट करवाने की सलाह दी, जबकि एक महिला को सर्जरी करवाने की सलाह दी।

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हृदयाघात के लक्षण

-पसीना आना व सांस फूलना।

-छाती में दर्द होना व सीने में एंठन होना।

-हाथों, कंधों, कमर या जबड़े में दर्द होना।

-मितली आना, उल्टी होना।

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हृदयाघात से बचने के उपाय

-कोलोस्ट्रोल स्तर को 130 एमजी/ डीएल तक रखिए।

-सारा भोजन बिना के बनाएं लेकिन मसाले का प्रयोग बंद नहीं करें।

-तनाव को कम करें।

-हमेशा रक्त दबाव को 120/80 एमएमएचजी के आसपास रखें।

-अपने वजन को सामान्य रखें।

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छाती में दर्द होने पर क्या करें

छाती में दर्द होने पर तुरंत डॉक्टरी सलाह से ईसीजी, सीटी स्कैन, ब्लड टेस्ट, एक्सरे, टूडी ईको (हार्ट की सोनोग्राफी), सीटी एंजियोग्राफी और कोरोनरी ए ंजियोग्राफी कराएं। 40 से अधिक उम्र, सर्दी व खांसी की तकलीफ, ब्लड प्रेशर, धूम्रपान या तंबाकू का सेवन, हृदय रोग, अस्थमा की फैमिली हिस्ट्री वाले लोगों को छाती के दर्द को हल्के में नहीं लेना चाहिए।


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