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घुमारवीं के कई क्षेत्रों में जलस्तर कम

घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र के कई हिस्सों में अप्रैल की शुरुआत में ही पेयजल संकट गहरा गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Apr 2021 05:25 PM (IST)Updated: Mon, 05 Apr 2021 05:25 PM (IST)
घुमारवीं के कई क्षेत्रों में जलस्तर कम
घुमारवीं के कई क्षेत्रों में जलस्तर कम

जनकराज शर्मा, भराड़ी

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घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र के कई हिस्सों में अप्रैल की शुरुआत में ही पेयजल स्त्रोतों में जलस्तर कम हो गया है। इस कारण पेयजल संकट गहराने लगा है। प्राकृतिक जलस्त्रोतों के अभाव में पूरी तरह जलशक्ति विभाग की योजनाओं के जरिए ही पानी हासिल करने पर टिके हजारों लोगों को अब सप्ताह में एक या दो दिन ही पानी की आपूर्ति हो रही है। इससे लोगों में पानी के लिए हाहाकार की स्थिति है।

जलस्तर अचानक कम होने से जलशक्ति विभाग के अधिकारियों के हाथ खड़े हो गए हैं। माना जा रहा है कि अगर इसी तरह लगातार गर्मी रही तो मई, जून तक पहुंचते-पहुंचते घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर जल संकट गहरा सकता है। हालांकि विभाग ने दावा किया है कि घुमारवीं उपमंडल के तहत आने वाली तमाम संवेदनशील पेयजल योजनाओं में जलस्तर को बढ़ाने के लिए अगल बगल की कुछ पेयजल योजनाओं के साथ जोड़ने की मुहिम शुरू कर दी गई है। बिलासपुर जिले के घुमारवीं जलशक्ति मंडल के तहत पूरा घुमारवीं चुनाव क्षेत्र आता है।

घुमारवीं मंडल के तहत 50 पेयजल योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इन योजनाओं से हजारों की आबादी को हर दिन पानी की आपूर्ति की जाती है। आमतौर पर इस मंडल के तहत बनाई गई पेयजल योजनाओं में पेयजल स्तर गिरने की प्रक्रिया मई के अंत तक शुरू होती थी। इस बार यहां की पेयजल योजनाओं में से लगभग 10 योजनाओं में जलस्तर 25 से 50 फीसद तक अप्रैल के पहले सप्ताह में की कम हो गया है। इन पेयजल योजनाओं में बरोटा लिंक बलौटा जसवानी मरयानी बाड़ी क्रंगोडा के अलावा वे इलाके आते हैं जहां प्राकृतिक जलस्त्रोत नहीं हैं। खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राजिंद्र गर्ग के गृह क्षेत्र घुमारवीं में लोगों को पेयजल किल्लत झेलनी पड़ रही है। लोगों ने राजिंद्र गर्ग से मांग की है कि इस मामले में विभाग को निर्देश दिया जाए कि कम से कम दूसरे दिन पानी की आपूर्ति हर घर में सुनिश्चित हो।

----------------- संवेदनशील पेयजल योजनाओं में जलस्तर बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उम्मीद है कि कुछ समय में वैकल्पिक समाधान सिरे चढ़ पाएगा और लोगों की दिक्कतें खत्म तो नहीं लेकिन कुछ हद तक कम हो जाएंगी।

-सतीश शर्मा, अधिशाषी अभियंता, जलशक्ति विभाग, घुमारवीं मंडल


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