बिलासपुर के दधोल में सवर्णों ने श्मशानघाट में नहीं करने दिया अंतिम संस्कार, भराड़ी थाने में शिकायत
Stop Cremation घुमारवीं उपमंडल के तहत पंचायत दधोल के जसवाणी गांव में अनुसूचित जाति के व्यक्ति के शव का सवर्णों ने श्मशानघाट में अंतिम संस्कार रोक दिया। सवर्णों का कहना था कि पंचायत के पैसे से बना यह श्मशानघाट केवल उनके लिए ही है।
बिलासपुर, जागरण संवाददाता। घुमारवीं उपमंडल के तहत पंचायत दधोल के जसवाणी गांव में अनुसूचित जाति के व्यक्ति के शव का सवर्णों ने श्मशानघाट में अंतिम संस्कार रोक दिया। सवर्णों का कहना था कि पंचायत के पैसे से बना यह श्मशानघाट केवल उनके लिए ही है। दोनों पक्षों में काफी देर तक बहस भी हुई। बाद में लोगों को शव का अंतिम संस्कार खुले में ही करना पड़ा। परिवार के लोगों ने रविवार देर शाम भराड़ी थाने शिकायत दी। इस आधार पर एससीएसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
दधोल पंचायत के प्रधान बलदेव सिंह ने बताया कि इससे पहले गांव में श्मशानघाट न होने के कारण सभी लोगों को खुले में ही अंतिम संस्कार करना पड़ता था। उन्होंने पंचायत निधि से लगभग एक लाख रुपये से सार्वजनिक श्मशानघाट बनवाया था। बलदेव ने बताया कि उन्होंने भी दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की लेकिन सवर्ण अड़े रहे। इसके बाद उन्होंने अनुसूचित जाति से संबंधित लोगों को शव का अंतिम संस्कार दूसरी जगह करने के लिए मना लिया।
एसएचओ भराड़ी सतपाल शर्मा ने बताया कि दधोल पंचायत के जसवाणी गांव के निवासी अनुसूचित जाति से संबंधित सुंदर राम के निधन के बाद शव के अंतिम संस्कार को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हुआ है। वन विभाग में तैनात सुंदर राम के बेटे रत्न लाल ने भराड़ी पुलिस थाना में शिकायत दी है। इनमें चुन्नी लाल व नरेंद्र समेत तीन लोगों पर आरोप लगाए गए हैं। अभी तक इनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है। मामले की जांच अब डीएसपी के रैैंक का अधिकारी करेगा।
पंचायत प्रधान दधोल बलदेव सिंह का कहना है श्मशानघाट किसी एक जाति समुदाय के लिए नहीं बनाया गया था, बल्कि सार्वजनिक है। अनुसूचित जाति के लोगों ने अपने साथ हुए दुर्व्यवहार की शिकायत पुलिस थाना भराड़ी में की है।