Move to Jagran APP

हाइड्रो पॉनिक्स तकनीक की खेती से आई खुशहाली

नई तकनीक से खेती कर कमाई को किया दोगुना

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Mar 2020 08:01 PM (IST)Updated: Sun, 08 Mar 2020 06:24 AM (IST)
हाइड्रो पॉनिक्स तकनीक की खेती से आई खुशहाली
हाइड्रो पॉनिक्स तकनीक की खेती से आई खुशहाली

जागरण संवाददाता, बिलासपुर : कोटधार क्षेत्र के भडोलियां गांव के किसान ने बिना मिट्टी फसलें उगाने की तकनीक अपनाकर खुद को आत्मनिर्भर बनाया है। हाइड्रो पॉनिक्स नामक इस तकनीक को किसान ने कुछ वर्ष पहले अपनाया और आज वह घर बैठे लाखों रुपये की सब्जियां उगाकर अपने परिवार की खुशहाली लेकर आए हैं।

loksabha election banner

इससे पहले किसान राम पाल अपना ट्रक चलाते थे, लेकिन महीने भर की कड़ी मेहनत व जोखिम के बावजूद वह इतना नहीं कमा पाते थे कि परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर पाते। राम पाल बिलासपुर जिले में पहले किसान हैं, जिन्होंने इस तकनीक को अपनाया है और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को पहले से कहीं अधिक मजबूत किया है। राम पाल ने बताया कि उन्हें कृषि विभाग के घुमारवीं में तैनात एसएमएस रवि शर्मा ने

पॉलीहाउस स्थापित करने में मदद की, लेकिन हाइड्रो पॉनिक्स तकनीक से बगैर किसी मिट्टी के ही फसलों को उगाने का आइडिया उन्होंने खुद ही कहीं से हासिल किया था। खुद ही इस तकनीक को स्थापित करने की मशीनरी आदि खरीदी और इसे लगाया। कृषि विभाग ने उन्हें सबसिडी के आधार पर पॉलीहाउस तैयार करने में मदद की, क्योंकि इस तकनीक में तापमान ज्यादा बढने या बहुत ही ज्यादा घटने की स्थिति में फसलें उगाना कामयाब नहीं होता है। जिले के पहले किसान

डिप्टी डायरेक्टर कृषि विभाग डॉ. कुलदीप पटियाल ने बताया कि बिलासपुर जिले में इस तकनीक से फसलें उगाने वाले रामपाल पहले किसान हैं। असल में यह तकनीक उन क्षेत्रों के लिए ज्यादा लाभकारी हैं, जहां पर खेती करने योग्य भूमि नहीं हैं। चट्टानी क्षेत्र होने या पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण खेत नहीं बन पाते हैं। उन्होंने बताया कि ऊना जिले में भी एक किसान युसूफ खान इस तकनीक से फसलें उगा रहे हैं, जबकि बाकी स्थानों पर अब तक किसी ने इसे नहीं अपनाया है। छह लाख की कमाई

रामपाल ने बताया कि इस तकनीक में सिर्फ पानी की सप्लाई में ही वे सभी तत्व फसलों को उगाने व इन्हें बढ़ाने के लिए दिए जाते हैं, जोकि प्राकृतिक तरीके से जमीन में होते हैं। वह शिमला मिर्च, खीरा व टमाटर उगा रहे हैं। इसकी खासियत यह है कि इन फसलों में रोग भी नहीं लगते हैं, क्योंकि आम तौर पर जमीन में उगने वाली फसलों में जमीन से ही कई प्रकार के रोग आ जाते हैं। वह साल में लगभग पांच से छह लाख रुपये की आमदनी इसी से कर रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.