कहलूर लोकोत्सव में लोक कलाकारों ने जमाया रंग
जागरण संवाददाता बिलासपुर प्राचीन लोक सांस्कृतिक को सहेजने में लोक कलाकार अपनी अहम भूमिक
जागरण संवाददाता, बिलासपुर : प्राचीन लोक सांस्कृतिक को सहेजने में लोक कलाकार अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं। कलाकार प्राचीन लोक सांस्कृतिक विरासत को भावी पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए एक सेतु के रूप में कार्य करते हैं। यह बात उपायुक्त एवं अध्यक्ष राज्यस्तरीय नलवाड़ी मेला रोहित जम्वाल ने कहलूर लोकोत्सव का शुभारंभ करने के बाद कही। उन्होंने जिलावासियों को राज्यस्तरीय नलवाड़ी मेले तथा कहलूर लोकोत्सव की बधाई दी। उन्होंने कहा कि लोक कलाकारों को उत्कृष्ट मंच और सम्मान मिले इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने लोगों का आह्वान किया है कि मेले में कोविड-19 के दिशा निर्देशों का पालन करें। मेले में आने वाले लोग मास्क पहने, बार-बार हाथ धोएं तथा शारीरिक दूरी का भी खास ख्याल रखें।
उन्होंने बताया कि कहलूर लोकोत्सव में जिले के लगभग 900 स्थानीय कलाकार भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर जिला भाषा अधिकारी नीलम चंदेल ने उपायुक्त व उनकी धर्मपत्नी झुंपा जम्वाल को सम्मानित किया। लोकोत्सव में पहले दिन स्थानीय कलाकारों की विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां लोगों का मनोरंजन करने में सफल रही। इस दौरान जहां स्थानीय कलाकारों ने अपनी सुरीली आवाज का जादू बिखेरा, वहीं लोक नृत्य के माध्यम से प्राचीन लोक संस्कृति को प्रदर्शित भी किया। लोक कलाकारों ने पारम्परिक लोक गाथाओं और गुग्गा गाथा को प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लूटी।
कोरोना से बचाव के लिए नियमों का करें पालन
राज्यस्तरीय नलवाड़ी मेले में लोगों को कोरोना महामारी के बारे में जागरूक करने के लिए जिला रेडक्रास सोसायटी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रही है। रेडक्रॉस सोसायटी के वालंटियर मेले में लोगों को सही ढंग से मास्क पहनने और बार-बार हाथ धोने तथा आपस में उचित दूरी रखने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। रेडक्रास सोसायटी से जुड़े सुशील पुंडीर तथा अन्य स्वयंसेवियों ने लोकोत्सव में भी कोरोना का प्रतीकात्मक मास्क पहनकर लोगों को इस महामारी से बचने का संदेश दिया।