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ढाई करोड़ से बचेंगे खेत

संवाद सहयोगी बिलासपुर कोविड-19 के चलते पूरा बिलासपुर के विकास का पहिया थम सा गया था लेकिन अब विकास की रेल धीरे-धीरे पटरी पर लौटना शुरू हो गई है। बिलासपुर जिला में विकास कार्यों को गति देने के लिए कृषि विभाग खेतों की रक्षा करने के लिए ढाई करोड़ खर्च करेगा इसके लिए कृषि विभाग ने किसानों से आवेदन पत्र भी आमंत्रित कर लिए हैं। अब कृषि विभाग के अधिकारी इन आवेदनों की जांच पड़ताल करेंगे तथा उसके बाद उन्हें मंजूरी प्रदान करेंगे। कोविड-19 वायरस के चलते लगे लॉक डाउन के कारण बिलासपुर में सभी विकास कार्य ठप पड़ गए थे। लेकिन अभी विकास कार्य होना शुरू हो गए हैं। खबर की पुष्टि करते हुए कृषि विभाग के उपनिदेशक कुलदीप पटियाल ने बताया कि सोलर फेंसिग के तहत बिलासपुर जिला को ढाई करोड रुपए का बजट स्वीकृत हुआ है तथा राशि विभाग के पास पहुंच गई है। सोलर फेंसिग लगाने के लिए विभाग के चारों विकास खंडों से अब तक 3

By JagranEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 04:53 PM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 04:53 PM (IST)
ढाई करोड़ से बचेंगे खेत
ढाई करोड़ से बचेंगे खेत

संवाद सहयोगी, बिलासपुर : कोरोना के चलते बिलासपुर के विकास का पहिया थम सा गया था, लेकिन अब धीरे-धीरे घूमने लगा है। कृषि विभाग खेतों की रक्षा करने के लिए सोलर फेंसिंग के लिए ढाई करोड़ खर्च करेगा। कृषि विभाग ने किसानों से आवेदन पत्र भी आमंत्रित कर लिए हैं।

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अब कृषि विभाग के अधिकारी इन आवेदनों की जांच पड़ताल करेंगे तथा उसके बाद उन्हें मंजूरी प्रदान करेंगे। कोरोना वायरस के चलते लगे क‌र्फ्यू के कारण बिलासपुर में सभी विकास कार्य ठप पड़ गए थे।

उधर, कृषि विभाग के उपनिदेशक कुलदीप पटियाल ने बताया कि सोलर फेंसिग के तहत बिलासपुर जिला को ढाई करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ है तथा राशि विभाग के पास पहुंच गई है। सोलर फेंसिग लगाने के लिए विभाग के चारों विकास खंडों से अब तक 38 आवेदन आ चुके हैं। विभाग ने इन आवेदनों को कार्यालय बिलासपुर मंगवा लिया है। जहां पर इनकी जांच पड़ताल की जाएगी तथा उसके बाद इसकी स्वीकृति प्रदान की जाएगी। बिलासपुर जिला में जंगली जानवरों के आतंक के कारण किसानों ने खेती करना छोड़ दिया है ऐसे में यह योजना लोगों के लिए काफी लाभदायक सिद्ध हो रही है। कुछ दिन पूर्व ही उन्हें यह बजट प्राप्त हुआ है। बिलासपुर जिला में लोग जंगली जानवरों के साथ-साथ बेसहारा पशुओं से भी तंग आ चुके हैं। ये पशु रात होते ही लोगों के खेतों में घुस जाते हैं और सारी फसल को चट कर जाते हैं। हालांकि लोग इन जानवरों से फसल को बचाने के लिए बाड़बंदी बंदी करते हैं, लेकिन ये पशु फिर भी खेतों में घुस जाते हैं।


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