भाषण प्रतियोगिता में वैष्णवी अव्वल
किशोरावस्था जीवन की सबसे संवेदनशील अवस्था है।
जागरण टीम, डंगार चौक/घुमारवीं : किशोरावस्था जीवन की सबसे संवेदनशील अवस्था है। इस दौरान बच्चों को सही मार्गदर्शन की आवश्यकता है, क्योंकि इस अवस्था में बच्चा अच्छा और बुरा रास्ता चुनता है। यह जानकारी स्वास्थ्य शिक्षक सुरेश चंदेल ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला डंगार में किशोर स्वास्थ्य दिवस पर दी।
इस दौरान भाषण प्रतियोगिता करवाई गई। इसमें पहले स्थान पर वैष्णवी, दूसरे स्थान पर प्रेरणा और कुंजन तीसरे स्थान पर रही। चंदेल ने कहा कि किशोरावस्था में ही बच्चों में शारीरिक और मानसिक बदलाव आते हैं। इस अवस्था मे बच्चों को मनोवैज्ञानिक सलाह की जरूरत होती है। बच्चों को अच्छी आदत डालनी चाहिए ताकि शरीर स्वस्थ रहे। इस उम्र में बच्चा नशे की ओर आकर्षित होता है। चंदेल ने बताया कि राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत किशोरों को पोषण, यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, संचरित बीमारियां, नशीले पदार्थो की रोकथाम, लिग आधारित हिसा के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
प्रिंसिपल दीना नाथ शर्मा ने बताया कि आज युवा नशे के आदी हो रहे हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को बुरी संगत से बचने और अपने स्वास्थ्य के ऊपर विशेष ध्यान देने की सलाह दी। इस अवसर पर महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता मंजुला शर्मा, स्कूल के अध्यापक कवि राज, परमजीत, सतीश, अनिल कुमार, राज कुमार, संजीव धर्माणी, मनोज कुमार, अश्वनी, सुरेंद्र पाल, सुनील भारती, सोहन लाल, पवन कुमार, आशा कार्यकर्ता रेखा देवी, निर्मला देवी, सपना देवी आदि मौजूद रहीं।