पागलपन के अलावा भी मानसिक रोग के अन्य कई लक्षण
संवाद सहयोगी घुमारवीं स्वास्थ्य खंड घुमारवीं के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भराड़ी में मंगलवा
संवाद सहयोगी, घुमारवीं : स्वास्थ्य खंड घुमारवीं के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भराड़ी में मंगलवार को खंड चिकित्सा अधिकारी घुमारवीं डा. अभिनीत शर्मा के आदेशानुसार विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया गया। इस अवसर पर खंड स्वास्थ्य शिक्षक घुमारवीं सुरेश चंदेल ने आशा कार्यकत्र्ताओं को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी और लोगों को जागरूक करने की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि मानसिक रोग केवल पागलपन नहीं है बल्कि मिर्गी का दौरा पड़ना, नींद न आना, देर से नींद आना, चिता, घबराहट, उल्टा सीधा सोचना व बोलना, उलझन, किसी प्रकार का नशा करना भी मानसिक रोग की श्रेणी में आता है। चंदेल ने बताया कि मोबाइल का अधिक प्रयोग करना, मादक पदार्थों का सेवन करने से भी मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत प्रभाव पड़ता है। उन्होंने इसे न करने की सलाह दी। चंदेल ने बताया कि भारत में 20 फीसद लोग डिप्रेशन के शिकार हैं परंतु उनमें से चार प्रतिशत लोग ही चिकित्सक के पास पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि उदासी, अधिक चिंता करना, अपने आपको निकम्मा समझना, चिड़चिड़ापन, काम करने में मन न लगना, निराश स्वभाव, निर्णय न ले पाना, नींद न आना, आत्महत्या के विचार आना, आत्महत्या की कोशिश करना मानसिक रोग के लक्षण हैं। इंसान को बदलती परिस्थितियों के अनुसार ढलना सीखना चाहिए। मन और शरीर को सक्रिय रखे सैर, व्यायाम, व योग करें और पूरी नींद सोए और संतुलित आहार खाए ताकि मानसिक रोग से अपने आपको बचा सके।
इस अवसर पर आशा कार्यकर्ताओं की भाषण प्रतियोगिता करवाई गई। इसमें संतोष कुमारी तड़ोन प्रथम स्थान पर, संतोष कुमारी मराहणा द्वितीय स्थान पर , और साकरा पारक तृतीय स्थान पर रहीं। इस अवसर पर स्वास्थ्य पर्यवेक्षिका कांता ठाकुर, आई सी टी सी कॉन्सलर मोनिका , लैब टेक्निशन प्रेम लता और 46 आशा कार्यकर्ता उपस्थित थी ।