नयनादेवी मंदिर में नववर्ष के मेले शुरू, पहले दिन कम रही भीड़
उत्तरी भारत के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल नयना देवी में नव वर्ष के मेले रविवार को शुरू हो गए। नयना देवी मंदिर में आने वाले हर सड़क में चौकसी बढ़ा दी गई है। भाखड़ा डैम केंची मोड़ तथा कोलां वाला टोबा में यात्रियों की चेकिग करने के बाद ही भेजा जा रहा है।
संवाद सहयोगी, नयनादेवी : उत्तरी भारत के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल नयनादेवी में नववर्ष के मेले रविवार को शुरू हो गए। पहले दिन श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ नहीं थी। रविवार सुबह चार बजे मंदिर के कपाट पुजारी ने खोल दिए तथा सहजता से यात्रियों ने मां के दर्शन करना आरंभ किए। नयना देवी मंदिर में आने वाले हर सड़क में चौकसी बढ़ा दी गई है। भाखड़ा डैम, कैंची मोड़ तथा कोलां वाला टोबा में यात्रियों की चेकिग करने के बाद ही उन्हें भेजा जा रहा है। मेले के दौरान अस्त्र शस्त्र ले जाने, नारियल तथा कड़ाह प्रसाद पर भी पूरी पाबंदी लगाई गई है। यात्रियों को निकासी रास्ते से मंदिर के लिए भेजा जा रहा है जबकि पौड़ियों के रास्ते से वापस भेजा जा रहा है। मेले में मंदिर प्रशासन ने सेवादलों को लंगरों की अनुमति दी है। लंगर सेवादलों को लंगर खुले में न परोसने के निर्देश दिए गए हैं। यात्रियों को एलईडी के माध्यम से सूचना उपलब्ध करवाई जा रही है। जगह-जगह पर सूचना केंद्र स्थापित किए हैं।
स्वास्थ्य की दृष्टि से नयना देवी मेला क्षेत्र में पांच स्वास्थ्य उपकेंद्र हैं जो 24 घंटे लगातार श्रद्धालुओं की सेवा में रहेंगे। लोगों पर नजर रखने के लिए 110 सीसीटीवी लगाए गए हैं। आपात स्थिति से निपटने के लिए क्यूआरटी की तीन गाड़ियां हैं।
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पहली बार होगा शननाई वादन
मेला अधिकारी सुभाष गौतम ने बताया कि पहली बार नए वर्ष के मेलों में मंदिर में सुबह, दोपहर व शाम के समय मधुर बांसुरी वादन तथा शहनाई वादन की धुन बजेगी। मधुर धुनों से मंदिर का वातावरण संगीत से सरोबार होगा जिससे आने जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक नई अध्यात्मिक शांति की अनुभूति होगी।