नाले में तबदील हुआ लुहणू स्टेडियम परिसर
उपायुक्त बिलासपुर विवेक भाटिया के आदेशों पर नगर परिषद बिलासपुर और विभागीय अधिकारी संजीदा नहीं है। दो दिन पहले इंडोर स्टेडियम लुहणू का दौरा कर व्यवस्था में सुधार के डीसी के आदेशों को नप और विभागीय अधिकारी सरेआम अनदेखा कर रहे हैं। यहां पर हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। नाली से होकर गो¨बदसागर में मिलने वाली सीवरेज की गंदगी डीसी के दौरे के बाद इंडोर स्टेडि
कमलेश रतन भारद्वाज, बिलासपुर
उपायुक्त बिलासपुर विवेक भाटिया के आदेशों पर नगर परिषद बिलासपुर और विभागीय अधिकारी संजीदा नहीं है। दो दिन पहले इंडोर स्टेडियम लुहणू का दौरा कर व्यवस्था में सुधार के डीसी के आदेशों को नप और विभागीय अधिकारी सरेआम ठेंगा दिखा रहे हैं। यहां पर हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। नाली से होकर गो¨बदसागर में मिलने वाली सीवरेज की गंदगी डीसी के दौरे के बाद इंडोर स्टेडियम के आंगन से बहकर जलाशय में मिल रही है। विश्व मानचित्र पर उभरने की संभावनाओं से परिपूर्ण लुहणू क्रिकेट स्टेडियम से सटे इंडोर स्टेडियम का परिसर प्रशासन और नगर परिषद की कोताही से गंदे नाले में तबदील हो गया है। हालात यह हैं कि सीवरेज की गंदगी इस परिसर से होती हुई सीधे गो¨बदसागर में मिल रही है। यहां पर दो दिन पहले ही उपायुक्त बिलासपुर विवेक भाटिया ने दौरा कर नप प्रबंधन को व्यवस्था में सुधार के आदेश दिए थे लेकिन धरातल जिले के मुखिया के आदेशों का असर शून्य दिख रहा है। रविवार को दैनिक जागरण की टीम ने साइट का मुआयना किया। मुआयने में नप और प्रशासन तथा खेल विभाग की कार्यशैली की बेहद ही चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है।
सवा बारह बजे टीम ने पाया कि यहां से वाहन से पहुंचना तो दूर पैदल पहुंचना भी मुश्किल लग रहा था। एक बुजूर्ग स्टेडियम के प्रांगण से स्कूटी को संभल कर निकाल रहे थे। प्रांगण से होकर दूसरे कोने के छोर से सीवरेज की यह गंदगी फिर नाली से होते हुए गो¨बदसागर जलाशय में मिल रही थी। करीब एक बजे पहुंचे स्थानीय निवासी युवा मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि यह हालात कई माह से बने हैं। दो दिन पहले डीसी साहब यहां पर दौरा करके गए हैं। उसके बाद तो हालात बद से बदतर हो गए हैं। जरा सी बारिश के बाद सीवरेज की गंदगी नाली से नहीं अब स्टेडियम के प्रांगण से होकर बह रही है। खिलाड़ियों की पौध तैयार करने वाले स्टेडियम में यह हालात हैं तो शहर की गलियों का क्या हाल होगा।
बुजूर्ग नंदलाल का कहना है कि लंबे अरसे के बाद भी यहां पर व्यवस्था में सुधार नहीं हो सका है। यहां पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। प्रशासन और नगर परिषद की कोताही लोगों पर भारी पड़ रही है।
युवा अतुल शर्मा कहते हैं कि शहर में डेंगू की चपेट में लगातार लोग आ रहे हैं। दुकानों और ढाबों में जाकर प्रशासन और विभाग कार्रवाई कर रहा है लेकिन असलियत किसी को नहीं दिखती है।
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डीसी बिलासपुर विवेक भाटिया ने कहा कि आदेशों के बावजूद यदि व्यवस्था में सुधार नहीं हुए है तो कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। दौरा इसलिए किया था कि व्यवस्था में सुधार हो।