न लिफ्ट न रैंप, दूसरी मंजिल पर ओपीडी
सिविल अस्पताल घुमारवीं में बनाई गई ओपीडी में दूसरी मंजिल तक जाने के लिए रैंप व लिफ्ट की सुविधा न होने के कारण तीमारदारों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। रैंप व लिफ्ट की सुविधा न होने के कारण तीमारदारों को मरीज पीठ पर बैठाकर दूसरी मंजिल तक पहुंचाने पड़ रहे हैं।
संवाद सहयोगी, घुमारवीं : सिविल अस्पताल घुमारवीं में दूसरी मंजिल पर बनाई ओपीडी तक जाने के लिए मरीजों व तीमारदारों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। रैंप व लिफ्ट की सुविधा न होने के कारण तीमारदारों को मरीज पीठ पर उठाकर दूसरी मंजिल तक पहुंचाने पड़ रहे हैं।
नागरिक अस्पताल घुमारवीं में तीन वर्ष पहले नई ओपीडी का लोकार्पण पूर्व विधायक राजेश धर्माणी ने किया था। उद्घाटन की जल्दबाजी में इस भवन की दूसरी मंजिल पर ओपीडी तो शुरू कर दी, लेकिन मरीजों को दूसरी मंजिल तक कैसे पहुंचना है, इसके बारे में न तो सरकार के नुमाइंदों ने सोचा और न ही विभाग के अधिकारियों ने। अब आलम यह है कि मरीजों को अगर दूसरी मंजिल पर जाना हो तो साथ आए परिजन को पीठ पर उठाकर ले जाना पड़ता है।
भदरोग गांव के युवक नरवीर सेन को भी इस असुविधा का सामना करना पड़ा। वह गंभीर रूप से बीमार बुजुर्ग रिश्तेदार को दिखाने के लिए अस्पताल पहुंचे। नरवीर ने बताया की जब वह अस्पताल में पहुंचे तो यह देख कर उनको बड़ी हैरानी हुई कि ओपीडी दूसरी मंजिल पर है और मरीज को वहां तक के जाने के लिए न ही कोई रैंप है और न ही लिफ्ट। उन्हें मजबूरन पीठ पर उठाकर मरीज को दूसरी मंजिल में डॉक्टर के पास ले जाना पड़ा। यदि कोई मरीज अकेला अस्पताल आता है तो वह दूसरी मंजिल तक कैसे जाएगा। लोगों का कहना है कि विभाग ओपीडी ग्राउंड फ्लोर में रखनी चाहिए या लिफ्ट की व्यवस्था के साथ रैंप भी बनवाने चाहिए। उन्होंने बताया कि अस्पताल में व्हीलचेयर भी उपलब्ध नहीं हुई। अगर अस्पताल को व्हील चेयर की जरूरत है तो वह देने के लिए तैयार हैं।
कार्यकारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. अभिनीत शर्मा ने कहा कि नई ओपीडी भवन में ग्राउंड फ्लोर पर ही ओपीडी के कमरे हैं। दूसरी मंजिल पर सिर्फ एक ही ओपीडी चलती है और नई ओपीडी भवन में लिफ्ट लगाने के लिए जैसे ही बजट उपलब्ध हो जाएगा लिफ्ट का काम शुरू कर दिया जाएगा।