भगेड़ से ब्रह्मापुखर तक बनेगा फोरलेन
जागरण टीम, जुखाला/भगेड़/घुमारवीं : शिमला से मटौर प्रस्तावित फोरलेन के बिलासपुर जिले में ि
जागरण टीम, जुखाला/भगेड़/घुमारवीं : शिमला से मटौर प्रस्तावित फोरलेन के बिलासपुर जिले में निर्माण के लिए चुना गया ट्रैक स्पष्ट हो गया है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी के सर्वे में फोरलेन से जुखाला से बरमाणा तथा कंदरौर-घाघस वाले एनएच को बाहर रखा गया है। उक्त क्षेत्रों के लोग अब उम्मीद छोड़ दें कि फोरलेन उनके क्षेत्रों से होकर गुजरेगा। साथ ही करीब चार दशक पहले बनाए गए एशिया के सबसे ऊंचे कंदरौर पुल के फोरलेन के निर्माण के साथ दोबारा बनने की तमाम संभावनाएं अब खत्म हो गई हैं। प्राधिकरण ने कीरतपुर नेरचौक मनाली फोरलेन के पुलों को ही बेहतर विकल्प मान लिया है। इसके हिसाब से अब ट्रैक चिह्नित किया गया है।
फोरलेन का निर्माण जल्द शुरू होने वाला है। इसके लिए पहले चरण में हमीरपुर से ज्वालामुखी और ज्वालामुखी से मटौर के हिस्सों को फोरलेन बनाने के लिए चुना गया है। प्राधिकरण ने टेंडर भी कॉल कर लिए थे। लेकिन अभी तक टेंडर खुल नहीं पाए हैं। प्राधिकरण के हमीरपुर स्थित एक्सईएन योगेश रावत ने बताया कि अभी तक जमीन अधिग्रहण से जुड़ी हुई थ्री डी नोटिफिकेशन नहीं हो पा रही है इस कारण टेंडर नहीं खुल पा रहे हैं। एसडीएम स्तर पर भू अधिग्रहण अधिकारियों के पास मामला लंबित है। थ्री डी नोटिफिकेशन के लिए जरूरी औपचारिकताओं को 15 अक्टूबर तक पूरा इसके बाद अधिसूचना जारी हो जाएगी। अधिसूचना के जारी होने के बाद टेंडर प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। पिछले साल दिसंबर महीने में ही सरकार के साथ हुई एक बैठक में एनएचएआइ की ओर से बिलासपुर जिले में शिमला मटौर फोरलेन के ट्रैक को लेकर करवाए गए सर्वे को तय कर दिया गया था। प्राधिकरण ने सर्वेक्षण में निर्माण का टै्रक नम्होल से ब्रह्मापुखर के बाद बाद जुखाला, घाघस, कंदरौर से न होते हुए सीधे कोठीपुरा से कीरतपुर मनाली के लिए निर्माणाधीन फोरलेन के ट्रेक के साथ जोड़ने का निर्णय लिया है। इस पर सरकार ने सहमति दे दी गई है। भगेड़ से जुखाला तक जैसे पहले रोड है, वैसे ही रहेगा। वहां से फोरलेन नहीं जाएगा।
जुखाला में तैनात स्टेट से संबद्ध एसडीओ एनएच कहते हैं कि जैसे उन्हें भी जानकारी नहीं है कि फोरलेन कहां से जा रहा है वैसे ही जनता को भी पता नहीं है। अभी तक लोगों को यही जानकारी है कि शिमला-मटौर फोरलेन घाघस, जुखाला कंदरौर से होकर जाएगा। लेकिन यह हकीकत है कि एनएचएआइ ने ट्रैक अब अपनी सुविधा व लागत के हिसाब से बदल दिया है। प्राधिकरण अब इस फोरलेन के कुछ किलोमीटर के हिस्से को कीरतपुर फोरलेन से गुजरेगा।