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कैंची मोड़ से नौणी चौक तक सफर खतरे से खाली नहीं

बिलासपुर जिला में चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर कैंची मोड़ के पास सफर जोखिम भरा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2020 08:30 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 06:12 AM (IST)
कैंची मोड़ से नौणी चौक तक सफर खतरे से खाली नहीं
कैंची मोड़ से नौणी चौक तक सफर खतरे से खाली नहीं

जागरण संवाददाता, स्वारघाट : बिलासपुर जिला में चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर कैंची मोड़ के पास से लेकर नौणी चौक तक सड़क पर चट्टानों के अचानक गिरने के बाद पैदा होने हालात से निपटने के लिए लोक निर्माण विभाग तैयार नहीं है। कैंची मोड़ से स्वारघाट के बीच कई स्थान ऐसे हैं जहां इन दिनों पहाड़ से भारी भरकम पत्थर गिर रहे हैं। इस मार्ग पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है।

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सड़क पर गिर रहे पत्थर बड़ा नुकसान कर सकते हैं लेकिन लोक निर्माण विभाग की ओर से इनका समाधान नहीं किया गया है। सड़क पर अचानक गिरने वाली चट्टानों व पत्थरों को तुरंत हटाकर यातायात बहाल करने के लिए भी विभाग के पास उचित व्यवस्था नहीं है। अगर कहीं सड़क पर चट्टानें गिरती हैं तो उन्हें हटाने के लिए मौके पर तुरंत मशीनरी उपलब्ध नहीं होती है। मंगलवार को हुई भारी बारिश के बाद इस मार्ग पर कई जगह चट्टानें खिसक कर गिरती रहीं लेकिन इन्हें तुरन्त हटाकर व्यवस्था और बिगड़ने से बचाने की दिशा में मौके पर कोई प्रबंध नहीं दिखे। हालात ऐसे हैं कि अगर दिन में भी रास्ता बंद हो जाता है तो इसे खोलने के लिए विभाग के प्रयास शून्य नजर आते हैं। स्वारघाट से लेकर नौणी चौक तक बनेर गंभर पुल, जामली और छड़ोल कल्लर गंभरोला पुल तक का सफर जोखिम भरा है।

राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगभग 25 किलोमीटर तक कई चट्टानें ऐसे अटकी पड़ी हैं कि जरा सी बारिश होने पर वे सड़क पर भरभरा कर गिर सकती हैं। इससे सड़क पर जा रहे वाहनों के दबने की आशंका है। मंगलवार को भी कई जगह पर चट्टानें खिसकीं लेकिन इन्हें वक्त पर निकाल कर ज्यादा चट्टानें गिरने की स्थिति में मार्ग बंद होने के हालात को टालने के लिए ठोस प्रयास नजर नहीं आए। पिछले वर्ष भी इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगभग 25 किलोमीटर तक चट्टानें गिरने के कारण कई वाहन दब गए और सैकड़ों लोग फंस गए थे। स्थानीय लोगों ने बड़ी मुश्किल से आधी रात को लोगो को अपने प्रयास से बाहर निकाला था। लगभग एक सप्ताह के बाद लोगों को गोबिंदसागर झील के माध्यम से बोट से बिलासपुर पहुंचाया जा सका था।

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इस राष्ट्रीय राजमार्ग को सुचारू रखने के लिए विभाग की ओर से सारे इंतजाम किए गए हैं। कहीं पर कोई कोताही नहीं है। मौके पर अलग-अलग स्टेशनों पर मशीनरी तैनात की गई है।

आरके वर्मा, अधीक्षण अभियंता, लोक निर्माण विभाग के


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