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रोजगार कार्यालय घुमारवीं के लिए नहीं मिला बजट

लगभग तीन विस हलकों के हजारों शिक्षित प्रशिक्षित बेरोजगारों को रोजगार का रास्ता दिखाने वाले स्थानीय रोजगार कार्यालय भवन का शिलान्यास हुए दो वर्ष से ज्यादा बीत गए हैं लेकिन सरकार की ओर से अब तक इसके निर्माण के लिए बजट का प्रावधान नहीं किया जा सका है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Feb 2020 04:26 PM (IST)Updated: Tue, 04 Feb 2020 06:20 AM (IST)
रोजगार कार्यालय घुमारवीं के लिए नहीं मिला बजट
रोजगार कार्यालय घुमारवीं के लिए नहीं मिला बजट

संवाद सहयोगी, घुमारवीं : रोजगार कार्यालय भवन घुमारवीं के नए भवन का शिलान्यास दो वर्ष पहले हुआ था, लेकिन इसके बाद कुछ नहीं हुआ। कारण यह है कि बिना बजट इसका शिलान्यास किया था। हालांकि जमीन संबंधी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं, लेकिन सरकार ने बजट का प्रावधान नहीं किया है। कार्यालय जर्जर भवन में चल रहा है।

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दो साल पहले प्राक्कलन पर सरकार आपत्तियां लगा चुकी है। आपत्तियां दूर करके इसे दोबारा सरकार को भेजने में भी रोजगार कार्यालय से भी काफी समय लगा दिया गया। यही वजह है कि वर्षो पुराने भवन में ही रोजगार कार्यालय चलाया जा रहा है। लंबे समय से इस कार्यालय के लिए अलग से भवन बनाने की मांग चल रही थी। दो वर्ष पहले पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में पूर्व विधायक राजेश धर्माणी ने इसके लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा। इसके लिए जमीन का चयन भी हो गया। जमीन का तबादला भी हो गया और भूमि पूजन भी हो गया। तहसील घुमारवीं के सामने इसे बनाने का निर्णय हुआ। लेकिन इसके बाद से इस मामले में अपेक्षित प्रगति नहीं हुई है। नई सरकार के बनने के बाद पहले तो इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। पहले से सरकार को भेजे गए करीब एक करोड़ रुपये के प्राक्कलन को मंजूर नहीं मिली। आपत्तियों के साथ यह वापस आ गया कि यह प्राक्कलन ज्यादा है। करीब एक वर्ष तक दोबारा से यह प्राक्कलन संशोधित भेजने के लिए किसी ने गौर नहीं किया। अभी कुछ समय पहले अब इसे करीब सत्तर लाख रुपये के प्राक्कलन के साथ सरकार को भेजा गया है, लेकिन इसके मंजूर होने की भी अभी तक संभावना नजर नहीं आ रही है।

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रिकॉर्ड नहीं सुरक्षित

वर्ष 1984 से घुमारवीं नगर के दकड़ी चौक के पास रोजगार कार्यालय तीन कमरों में चलाया जा रहा है। वर्तमान में झंडूता, घुमारवीं व सदर विधानसभा हलके के आधे से ज्यादा हिस्सों के बेरोजगारों को इस कार्यालय में पंजीकृत किया गया है। इन्हें बेरोजगार भत्ता व कौशल विकास भत्ता दिए जाने की प्रक्रिया को यहीं से पूरा किया जाता है। कुल मिलाकर करीब दस कर्मचारियों की यहां आउटसोर्स व नियमित तैनाती है, लेकिन उन्हें बैठने तक की जगह अंदर नहीं बची है। रिकॉर्ड रखना तक मुश्किल हो गया है। जिला रोजगार अधिकारी हंसराज का कहना है कि अभी तक सरकार की ओर से बजट स्वीकृत नहीं किया गया है, जब बजट मंजूर होगा तो उसके बाद इस पर काम शुरू हो सकेगा। उन्होंने कहा कि भूमि का चयन दो वर्ष पहले कर दिया गया था और इसका भूमि पूजन भी कर दिया गया था।


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