बुद्धि ¨सह प्रधान, श्याम लाल बने उपप्रधान
करीब दो वर्षो से दो गुटों में बंटी और तीन माह से बिना मुखिया के चल रही द बिलासपुर जेपी उद्योग विस्थापित एवं प्रभावित सहकारी सभा सीमित खारसी की नई कार्यकारिणी का गठन कर लिया गया है। एक गुट ने कार्यकारिणी का गठन कर सहायक पंजीयक सहकारी सभा बिलासपुर को इसकी जानकारी सौंप कर गठन को अनुमोदन देने की मांग रखी है। नई कार्यकारिणी में पूर्व प्रधान रहे बुद्धि ¨सह ठाकुर को प्रधान, श्याम लाल को उपप्रधान और राजेश कुमार को कोषाध्यक्ष चुना गया है।
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : करीब दो वर्ष से दो गुटों में बंटी और तीन माह से बिना मुखिया के चल रही द बिलासपुर जेपी उद्योग विस्थापित एवं प्रभावित सहकारी सभा सीमित खारसी की नई कार्यकारिणी का गठन कर लिया गया है। एक गुट ने कार्यकारिणी का गठन कर सहायक पंजीयक सहकारी सभा बिलासपुर को इसकी जानकारी सौंप कर अनुमोदन देने की मांग रखी है।
नई कार्यकारिणी में पूर्व प्रधान रहे बुद्धि ¨सह ठाकुर को प्रधान, श्याम लाल को उपप्रधान और राजेश कुमार को कोषाध्यक्ष चुना गया है।
प्रधान बुद्धि ¨सह ने बिलासपुर के परिधि गृह में मंगलवार को प्रेसवार्ता में कहा कि हाईकोर्ट व सहायक पंजीयक सहकारी सभा बिलासपुर के आदेश पर नई कार्यकारिणी का गठन कर इसकी जानकारी पंजीयक कार्यालय को सौंप दी गई है। तीन माह से सभा बिना मुखिया के चल रही थी। कथित पर तौर सभा के महासचिव बना एक व्यक्ति सभा को चला रहा था। उन्होंने कहा कि तीन अगस्त 2018 को पुरानी कार्यकारिणी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। इसके बाद कथित तौर पर महासचिव बने व्यक्ति ने 15 सदस्यों में से महज 12 सदस्यों को नोटिस देकर चुनाव करवाने चाहे। सभा के आठ सदस्यों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसी बीच पुरानी कार्यकारिणी के प्रधान ने पद से इस्तीफा दे दिया और वह दूसरे गुट से अलग हो गए।
याचिका पर विचार करते हुए हाईकोर्ट ने स्टे को निरस्त करते हुए 24 अक्टूबर 2018 को नए सिरे से कार्यकारिणी के गठन के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह तक इंतजार करने के बाद उन्होंने अपने आठ सदस्यों के साथ मिलकर तीन नवंबर 2018 को सभा के सभी 15 सदस्यों को डाक के माध्यम से सूचना देकर चुनाव के बारे में बताया। लेकिन आठ ही सदस्य चुनाव के लिए नौ नवंबर को प्रस्तावित तिथि को पहुंचे। इस दिन आठ सदस्यों की सहमति से चुनाव करवा कर इसकी जानकारी सहायक पंजीयक बिलासपुर को सौंप दी गई है।
उन्होंने कहा कि हर तरह से ट्रक ऑपरेटरों से शुल्क वसूलने के बावजूद सभा करीब 16 लाख रुपये से अधिक के घाटे में है। उन्होंने कथित तौर पर सभा के महासचिव बने व्यक्ति पर नियमों को ताक पर रखकर चहेतों को सभा के पैसे से ऋण देने के आरोप लगाए हैं। नवनिर्वाचित प्रधान ने दावा किया कि सहकारी सभाओं के संविधान में इस तरह से सभा के पैसे से ऋण नहीं दिया जा सकता है। सभा के पैसे से ऑपरेटरों को नियमानुसार अग्रिम किराया दिए जाने का प्रावधान अवश्य है।